मैं नौकर आपका हूं, बैंगन का नहीं : Akbar Birbal Funny Story in hindi – बादशाह अकबर और बीरबल शाही बाग में बैठे बैंगन की सब्जी पर बात कर रहे थे। शहंशाह बैंगन की प्रशंसा कर रहे थे और बीरबल भी उनकी हां-में-हां मिलाते जा रहे थे तथा बीच-बीच में बैंगन के औषधीय गुणों को भी गिनाते जा रहे थे।
इसके दो महीने बाद शहंशाह ने एक दिन सोचा कि देखें बीरबल की बैंगन के बारे में अब क्या राय है। बीरबल संयोग से उसी समय अकबर से मिलने आ गए।

अकबर बादशाह ने उन्हें सादर बैठाया और बैंगन की बुराई करने लगे। बीरबल भी शहंशाह की हां-में-हां मिलाने लगे और साथ ही यह भी कहने लगे कि हुजूर, क्या बताएं, बैंगन की सब्जी इतनी खराब है कि इसको खाने से बादी ही हो जाती है।
बादशाह बीरबल के मुंह से बैंगन की बुराई सुनकर हैरान रह गए और कहने लगे, “बीरबल, तुम्हारी इस बात पर विश्वास नहीं किया जा सकता। हमने उस दिन बैंगन की प्रशंसा की तो तुमने भी प्रशंसा की और आज हमने बैंगन की बुराई की तो तुमने भी बुराई करनी शुरू कर दी। आखिर तुम्हारी अपनी कोई व्यक्तिगत राय बैंगन के बारे में क्यों नहीं है ? बीरबल, यह सब क्यों ?”
बीरबल बोले, “जहांपनाह, मैं आपका सेवक हूं, बैंगन का नहीं।” यह सुनकर शहंशाह की आंखें खुशी के मारे भर आईं। उन्होंने बीरबल को गले से लगा लिया।
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