दो और पत होते हैं : Akbar Birbal Short Story in Hindi

दो और पत होते हैं : Akbar Birbal Short Story in Hindi – बादशाह और बीरबल महल के सामने वाले बाग में बैठे बातें कर रहे थे। तभी बादशाह अकबर ने कहा, “पत पांच होते हैं – पानीपत, बिलपत, इन्द्रपत, बागपत, सोनीपत।”

बीरबल मुस्करा पड़े, फिर बड़े ही गंभीर होकर बोले, “जहांपनाह, दो पत और भी होते हैं।”

दो और पत होते हैं : Akbar Birbal Short Story in Hindi

बादशाह चौंकते हुए बोले, “बीरबल, अब तुम किस पत की बात कर रहे हो ?”

“जहांपनाह !” बीरबल ने कहा, “मैं ठीक ही तो कह रहा हूं। दो और पत होते हैं — रखपत तथा रखापत।”

बादशाह ने चौंकते हुए कहा, “तुम क्या कह रहे हो, बीरबल ? मैं तो कुछ भी नहीं समझा ?”

बीरबल ने कहा, “हुजूर, इंसानियत की परख इन्हीं पतों से होती है। जब व्यक्ति दूसरों की इज्जत की हिफाजत करता है, तभी उसकी भी इज्जत की हिफाजत होती है।” इसी को रखपत कहते हैं।

अकबर बादशाह बहुत खुश हुए और बोले, “बहुत खूब बीरबल, रखपत और रखापत का मतलब मैं अब समझ गया।” जब हम किसी की इज्जत करते हैं, तभी हमारी भी इज्जत होती है।

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Himanshu Kumar
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