शर्मसार दरबारी : Akbar Birbal Story in hindi

शर्मसार दरबारी : Akbar Birbal Story in hindi – बादशाह अकबर दरबार में बैठे थे। दरबारी बीरबल से बहुत ही जलते थे और यह नहीं चाहते थे कि बादशाह से बीरबल के संबंध अच्छे रहे। अतः दरबारियों ने बादशाह से कहा, “हुजूर आप हर बात बीरबल से ही पूछा करते हैं। हमें कोई महत्व नहीं देते हैं। इससे हमारे स्वाभिमान को ठेस पहुंचती है।”

शाहजहां अकबर बोले, आप लोगों की शिकायत गलत है। बीरबल कोई साधारण व्यक्ति नहीं है। वह बहुत ही चतुर और समझदार है। कोई भी उनकी बुद्धिमता के आगे ठहर नहीं सकता। यही कारण है कि हम कोई भी काम बीरबल से पूछकर करते हैं।

akbar birbal story in hindi sharmsar darbari

शहंशाह अकबर की यह बात दरबारियों को पसंद नहीं आई। वह बीरबल से और भी ज्यादा नाराज हो गए। 

बादशाह ने दरबारियों को शांत बैठे देखा तब उन्होंने कहा, “अगर तुम सबको ऐसा लगता है कि तुम सब बीरबल से अधिक चतुर और बुद्धिमान हो तो आज तुम सब की बुद्धिमानी की परीक्षा ली जाएगी। तुममें से जो भी इस परीक्षा में पास होगा, उसे बीरबल का स्थान मिल जाएगा।” इतना बोलकर शहंशाह ने दो हाथ लंबी दुलाई मंगवाई।

अब बादशाह ने दरबारियों की तरफ देखते हुए कहा, “देखो मैं लेट जाता हूं और तुम सब एक-एक करके मेरा शरीर इस दुलाई से ढकने का प्रयास करो। मेरे शरीर का कोई भी अंग खुला नहीं रहना चाहिए। जो भी दरबारी मेरा पूरा शरीर इस दुलाई से ढक देगा उसे ही बीरबल की जगह पर रखा जाएगा।” 

दरबारियों को मन-ही-मन हंसी आ गई कि भला यह भी कोई दिमाग वाला काम है। यह काम तो कोई भी कर देगा।

बादशाह भरे दरबार में लेट गए। एक-एक करके सभी दरबारी बादशाह को दुलाई ओढ़ाने आए लेकिन कोई भी दरबारी उनके पूरे शरीर को दुलाई से ढक न सका। 

अब बादशाह उठ खड़े हुए और बोले, देखी आपने अपनी बुद्धिमानी, क्या अपनी इस बुद्धिमानी पर आप सबको इतना अभिमान था ? अगर बीरबल यहां होते तो अवश्य ही इसी दुलाई से मेरा शरीर ढक देते।

जब आप में से कोई एक भी इतना छोटा सा काम नहीं कर सकता तो दिमाग वाला काम क्या करोगे ? यह कहकर बादशाह ने बीरबल को दरबार में बुलाया और बीरबल के हाथ में दुलाई देकर सारी बात बता दी।

बादशाह पहले की तरह ही दरबार में लेट गए।  बीरबल ने दुलाई को गौर से देखा, वह बहुत ही छोटी थी। बीरबल ने कहा, “जहांपनाह, आप अपने पैर को सिकोड़ लें। बादशाह के पांव सिकोड़ने पर बीरबल ने दुलाई से उनका सारा शरीर ढक दिया, फिर बीरबल ने बादशाह से कहा, “उतनी पांव फैलाइए, जितनी लंबी चादर हो।

बादशाह बीरबल के इस विचार से गदगद हो गए और दरबारियों से कहा, बीरबल की चतुराई तुम सब ने देख ली न ? अब तो किसी को कोई शिकायत नहीं होगी ?” शर्मसार दरबारी शहंशाह से माफी मांगकर चुप हो गए।

उम्मीद करता हूँ आपको यह पोस्ट (sharmsar darbari – akbar birbal ki kahani) पसंद आया होगा। इसी तरह का नई-नई कहानी सीधे अपने ईमेल पर पाने के लिए इस ब्लॉग को सब्सक्राइब करें।

नीचे कमेंट जरूर बताये कि शर्मसार दरबारी : Akbar Birbal Story in hindi आपको कैसी लगी। इस ब्लॉग के नये पोस्ट का नोटिफिकेशन फेसबुक पर पाने के लिए मेरे फेसबुक पेज को लाइक करें।

Share your love
Himanshu Kumar
Himanshu Kumar

Hellow friends, welcome to my blog NewFeatureBlog. I am Himanshu Kumar, a part time blogger from Bihar, India. Here at NewFeatureBlog I write about Blogging, Social media, WordPress and Making Money Online etc.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *