प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत : Source of Ancient Indian History in Hindi

Sources of Ancient Indian History Notes in Hindi : अगर आप प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे है तो यह पोस्ट आपके लिए बहुत ही काम में आने वाली है। प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत जैसे कि वेद (ऋग्वेद, यजुर्वेद, अर्थवेद, सामवेद), पुराण, ग्रंथ, अभिलेख, विदेशी यात्री इत्यादि है। इस पोस्ट में prachin bhartiya itihas ke srot के बारे में सभी मुख्य बिंदु को संक्षिप्त में जानेंगे और साथ ही साथ objective question answer का भी रिवीजन करेगें।

यह नोट्स आपको एस.एस.सी, रेलवे इत्यादि जैसे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में बहुत मदद करेगी। मैंने इस नोट्स में प्राचीन इतिहास के स्रोत (sources of ancient indian history) के बारे में सिर्फ उन मुख्य बिंदु का ही वर्णन किया है जो कि अक्सर ssc, railway जैसे competition exam में पूछे जाते है।

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भारतीय इतिहास के तीन भाग (Three parts of Indian History)

अध्यन की सुविधा के लिए भारतीय इतिहास को तीन भागों में बाँटा गया है :

  1. प्राचीन भारत इतिहास (Ancient Indian History )
  2. मध्यकालीन भारतीय इतिहास (Medieval Indian history)
  3. आधुनिक भारतीय इतिहास (Modern Indian History)

प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत (Source of Ancient Indian History in hindi)

प्राचीन भारतीय इतिहास के विषय में जानकारी मुख्यतः चार स्रोतों से प्राप्त होती है :

  1. धर्मग्रंथ
  2. ऐतिहासिक ग्रंथ
  3. विदेशियों का विवरण
  4. पुरातत्व-संबंधी साक्ष्य

धर्मग्रंथ से मिलनेवाली जानकारी :

वेद क्या है ? (What is Veda ?)

वेद भारत का सबसे प्राचीन धर्मग्रंथ है। इसके संकलनकर्ता महर्षि कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास को माना जाता है।

वेद के प्रकार (Types of Vedas)

वेदों की संख्या चार है :

  1. ऋग्वेद
  2. यजुर्वेद
  3. सामवेद
  4. अथर्ववेद

ऋग्वेद क्या है : Rigveda kya hai ?

ऋचाओं के क्रमबद्ध ज्ञान के संग्रह को ऋग्वेद कहा जाता है।

ऋग्वेद के बारे में कुछ मुख्य बिंदु निम्न है :

  • यह सबसे प्राचीन वेद है।
  • इसमें 10 मंडल, 1028 सूक्त एवं 10462 ऋचाएँ हैं।
  • इस वेद के ऋचाओं को पढ़ने वाले ऋषि को होतृ कहते हैं।
  • विश्वामित्र द्वारा रचित इस वेद के तीसरे मंडल में सूर्य देवता सावित्री को समर्पित प्रसिद्ध गायत्री मंत्र है। 
  • इसके 9वें मंडल में देवता सोम का उल्लेख है।
  • चातुष्वर्ण्य समाज की कल्पना का स्रोत 10वें मंडल में वर्णित पुरुषसूक्त है।
  • वामनावतार के तीन पगों के आख्यान का प्राचीनतम स्रोत ऋग्वेद है।
  • इसमें इंद्र के लिए 250 तथा अग्नि के लिए 200 ऋचाओं की रचना की गयी है।

यजुर्वेद क्या है : Yajurveda kya hai ?

  • सस्वर पाठ के लिए मंत्रों तथा बलि के समय अनुपालन के लिए नियमों के संकलन को यजुर्वेद कहते है।
  • इस वेद के पाठकर्ता को अध्वर्यु कहते हैं।
  • यह वेद गद्य एवं पद्य दोनों में है।

सामवेद क्या है : Samveda kya hai ?

  • गायी जा सकने वालीं ऋचाओं के संकलन को सामवेद कहते है।
  • इसके पाठकर्ता को उद्रातृ कहते हैं।
  • इसे भारतीय संगीत का जनक कहा जाता है।

अथर्ववेद क्या है : Atharvaveda kya hai ?

  • अथर्ववेद को अथर्वा ऋषि द्वारा रचित किया गया।
  • इस वेद में रोग, निवारण, तंत्र-मंत्र, जादू-टोना, शाप, वशीकरण, आशीर्वाद, स्तुति, औषधि, विवाह, प्रेम, राजकर्म आदि विविध विषयों से संबंध मंत्र का वर्णन है। इसमे सामान्य मनुष्यों के विचारों, विश्वासों, अंधविश्वासों इत्यादि का वर्णन है।
  • इसमें सभा एवं समिति को प्रजापति की दो पुत्रियाँ कहा गया है।
  • यह सबसे बाद का वेद है।

ऐतिहासिक ग्रंथ से मिलने वाली जानकारी :

पुराण क्या है : Purana kya hai ?

  • पुराण में भारतीय ऐतिहासिक कथाओं का सबसे अच्छा क्रमबद्ध विवरण मिलता है।
  • पुराण के रचयिता लोमहर्ष अथवा इनके पुत्र उग्रश्रवा माने जाते हैं।
  • इनकी संख्या 18 है, जिनमें से केवल पाँच पुराण : मत्स्य पुराण, वायु पुराण, ब्राह्मण पुराण एवं भागवत पुराण में ही राजाओं की वंशावली पायी जाती है।
  • पुराणों में मत्स्यपुराण सबसे प्राचीन एवं प्रामाणिक है।
  • विष्णु पुराण मौर्य वंश से संबंधित है।
  • मत्स्य पुराण आंध्र सातवाहन वंश से संबंधित है।
  • वायु पुराण गुप्त वंश से संबंधित है।

मैत्रेयनी संहिता : स्त्री की सबसे गिरी हुई स्थिति इस संहिता से प्राप्त होती है।

शतपथ ब्राह्मण में स्त्री को पुरुष का अर्धांगिनी कहा गया है।

स्मृतिग्रन्थ (Smritigranth)

मनुस्मृति : स्मृतिग्रंथों में सबसे प्राचीन एवं प्रामाणिक मनुस्मृति को माना जाता है। यह शुंग काल का मानक ग्रंथ है।

नारद स्मृति : यह गुप्त युग के विषय में जानकारी प्रदान करता है।


महात्मा बुद्ध (Mahatma Buddha)

  • बुद्ध की पूर्वजन्म की कहानी का वर्णन जातक में है।
  • हीनयान का प्रमुख ग्रंथ ‘कथावस्तु‘ है, जिसमे महात्मा बुद्ध का जीवन-चरित अनेक कथानकों के साथ वर्णित है।

जैन धर्म (Jain Dharma)

  • जैन साहित्य को आगम कहा जाता है।
  • जैनधर्म का प्रारंभिक इतिहास ‘कल्पसूत्र‘ से ज्ञात होता है।
  • जैन ग्रंथ भगवती सूत्र में महावीर के जीवन-कृत्यों का विवरण मिलता है।

चाणक्य (Chanakya)

  • अर्थशास्त्र के लेखक चाणक्य (कौटिल्य या विष्णुगुप्त) हैं।
  • इसमें मौर्यकालीन इतिहास की जानकारी प्राप्त होती है।

कल्हण (Kalhana)

  • संस्कृत साहित्य में ऐतिहासिक घटनाओं को क्रमबद्ध लिखने का सर्वप्रथम प्रयास कल्हण के द्वारा किया गया।
  • राजतरंगिणी पुस्तक कल्हण द्वारा रचा गया, जिसका संबंध कश्मीर के इतिहास से है।

पाणिनि (Panini)

  • संस्कृत भाषा व्याकरण की प्रथम पुस्तक – अष्टाध्यायी के लेखक पाणिनि हैं।
  • इस पुस्तक में मौर्य के पहले का इतिहास तथा मौर्ययुगीन राजनीतिक अवस्था की जानकारी प्राप्त होती है।

कत्यायन (Katyayan)

गार्गी-संहिता कत्यायन के द्वारा लिखा गया जो कि एक ज्योतिष ग्रंथ है, फिर भी इसमें भारत पर होने वाले यवन आक्रमण का उल्लेख मिलता है।

पतंजलि (Patanjali)

  • पतंजलि पुष्यमित्र शुंग के पुरोहित थे।
  • इनके महाभाष्य से शुंगों के इतिहास का पता चलता है।

विदेशी यात्रियों से भारतीय प्राचीन इतिहास के बारे में मिलनेवाली जानकारी :

हेरोडोटस : इसे इतिहास का पिता कहा जाता है। इन्होंने हिस्टोरिका पुस्तक में 5वीं ईसा पूर्व के भारत-फारस के संबंध का वर्णन किया है।

मेगस्थनीज : यह सेल्युकस निकेटर का राजदूत था, जो चंद्रगुप्त मौर्य के राजदरबार में आया था। इसने इण्डिका पुस्तक में मौर्य युगीन समाज एवं संस्कृति के विषय में लिखा है।

डाइमेकस : यह एण्टियोकस का राजदूत था, जो बिन्दुसार के राजदरबार में आया था।

डायोनिसियस : यह मिस्र नरेश टॉलमी फिलेडेल्फस का राजदूत था, जो अशोक के राजदरबार में आया था।

टॉलमी : इसने दूसरी शताब्दी में भारत का भूगोल नामक पुस्तक लिखी।

प्लिनी : इसने प्रथम शताब्दी में नेचुरल हिस्ट्री नामक पुस्तक लिखी।

फाहियान : यह चीनी यात्री गुप्त नरेश चंद्रगुप्त द्वितीय के दरबार में आया था।

ह्वेनसांग : यह चीनी यात्री हर्षवर्धन के शासनकाल में भारत आया था। इसका भ्रमण वृतांत सि-यू-की नाम से प्रसिद्ध है, जिसमें 138 देशों का विवरण मिलता है। यह चीन से भारतवर्ष के लिए प्रस्थान किया और सर्प्रथम भारतीय राज्य कपिशा पहुंचा। वह बिहार में नालंदा जिला स्थित नालंदा विश्वविद्यालय में अध्ययन करने तथा भारत से बौद्ध ग्रंथों को एकत्र कर ले जाने आया था।

अलबरूनी : यह अरबी यात्री महमूद गजनवी के साथ भारत आया था। अरबी में लिखी गई इनकी पुस्तक का नाम किताब-उल-हिन्द या तहकीक-ए-हिन्द (भारत की खोज) है।

इब्न बतूता : इनके द्वारा अरबी भाषा में लिखा गया यात्रा-वृतांत को रिह्रला कहा जाता है। दिल्ली पहुंचने पर मुहम्मद बिन तुगलक ने इसे दिल्ली का काजी या न्यायाधीश नियुक्त किया।

तारानाथ : यह एक तिब्बती लेखक था। इसने कंग्युर तथा तंग्युर नामक ग्रंथ की रचना की।

मार्कोपोलो : यह 13वीं शताब्दी के अंत में पांड्य देश की यात्रा पर आया था।

पुरातत्व संबंधी साक्ष्य से मिलनेवाली जानकारी :

अभिलेख (Abhilekha)

  • वैदिक देवता मित्र, वरुण, इन्द्र और नासत्य (अश्विनी कुमार) के नाम 1400 ई.पू. के अभिलेख बोगाज-कोई से मिलते हैं।
  • गरुड़ स्तम्भ लेख से मध्य भारत में भागवत धर्म विकसित होने का प्रमाण मिलता है।
  • सर्प्रथम हाथीगुम्फा अभिलेख में भारतवर्ष का जिक्र है।
  • सर्प्रथम भीतरी स्तम्भ लेख से भारत पर होने वाले हूण आक्रमण का पता चलता है।
  • एरण अभिलेख (शासक भानुगुप्त) में सती-प्रथा होने का पहला लिखित साक्ष्य मिलता है।

इपीग्राफी : अभिलेखों के अध्ययन को इपीग्राफी कहते हैं।

  • प्राचीन सिक्कों को आहत सिक्के कहा जाता है।
  • सर्प्रथम यवन शासकों ने सिक्कों पर लेख लिखने का कार्य किया।
  • रोमन सिक्के अरिकमेडू से प्राप्त हुए हैं।

महत्वपूर्ण अभिलेख और उससे संबंधित शासक

जूनागढ़ अभिलेख – रुद्रदामन
प्रयाग स्तम्भ लेख – गौतमी बलश्री
ऐहोल अभिलेख – पुलकेशिन द्वितीय
ग्वालियर अभिलेख – प्रतिहार नरेश भोज
भितरी एवं जूनागढ़ अभिलेख – स्कन्दगुप्त
देवपाड़ा अभिलेख – बंगाल शासक विजयसेन

प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत : Source of Ancient Indian History Objective Question Answer in hindi

प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत टॉपिक के सभी महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर (Important Question Answer) नीचे दिए गए है।

  1. वेदों की संख्या कितनी है – चार
  2. भारतीय संगीत का आदिग्रंथ किसे कहा जाता है – सामवेद
  3. प्रथम विधि निर्माता कौन हैं – मनु
  4. ऋग्वेद के किस मंडल में शुद्र का उल्लेख पहली बार मिलता है – 10वें
  5. पुराणों की संख्या कितनी है – 18
  6. ऋग्वेद का कौन-से मंडल पूर्णतः सोम को समर्पित है – नौवाँ मंडल
  7. गायत्री मंत्र (देवी सवितृ को संबोधित) किस पुस्तक में मिलता है – ऋग्वेद
  8. योग दर्शन के प्रतिपादक कौन है – पतंजलि
  9. सबसे प्राचीन वेद कौन-सा है – ऋग्वेद
  10. किस वेद में जादुई माया और वशीकरण का वर्णन है – अर्थवेद
  11. ऋग्वेद में कुल कितने मंडल हैं – 10
  12. ‘सभा और समिति प्रजापति की दो पुत्रियाँ थी’ का उल्लेख किस वेद में मिलता है – अर्थवेद
  13. ब्राह्मण ग्रंथों में सबसे प्राचीन कौन है – शतपथ ब्राह्मण
  14. प्राचीनतम व्याकरण ‘अष्टाध्यायी’ के रचनाकार कौन है – पाणिनी
  15. कौन सा स्मृति सबसे प्राचीनतम है – मनु स्मृति
  16. मनुस्मृति मुख्यतया किससे संबंधित है – समाज व्यवस्था से
  17. गायत्री मंत्र की रचना किसने की थी – विश्वामित्र
  18. ऋग्वेद में कुल कितने सूक्त हैं – 1028
  19. भारत का सबसे प्राचीन धर्मग्रंथ कौन-सा है – वेद
  20. चातुष्वर्णय समाज की कल्पना किस वेद में है – ऋग्वेद
  21. वामनावतार के तीन पगों का आख्यान किस वेद में है – ऋग्वेद
  22. कौन-सा वेद गद्य एवं पद्य दोनों में है – यजुर्वेद
  23. मत्स्य पुराण किस वंश से संबंधित है – आन्ध्र सातवाहन
  24. हीनयान का प्रमुख ग्रंथ कौन-सा है – कथावस्तु
  25. किस जैन ग्रंथ में महावीर के जीवन-कृत्यों का विवरण मिलता है – भगवती सूत्र
  26. राजतरंगिणी किससे संबंधित है – कश्मीर के इतिहास से
  27. चचनामा के लेखक कौन थे – अली अहमद
  28. पतंजलि किसके पुरोहित थे – पुष्यमित्र शुंग के
  29. इतिहास के पिता किसे कहा जाता है – हेरोडोटस
  30. मेगास्थनीज किसके राजदरबार में आया था – चंद्रगुप्त मौर्य
  31. मेगास्थनीज द्वारा लिखा गया पुस्तक का नाम क्या है – इण्डिका
  32. दूसरी शताब्दी में ‘भारत का भूगोल’ नामक पुस्तक किसने लिखा – टॉलमी
  33. विदेश से चंद्रगुप्त द्वितीय के दरबार में आने वाले चीनी यात्री का क्या नाम था – फाहियान
  34. ह्वेनसांग का भ्रमण वृतांत किस नाम से प्रसिद्ध है – सि-यू-की
  35. अलबरूनी किसके साथ भारत आया था – महमूद गजनवी
  36. किताब-उल-हिन्द या तहकीक-ए-हिन्द किस अरबी लेखक की कृति है – अलबरूनी
  37. कंग्युर तथा तंग्युर नामक ग्रंथ के रचना किस तिब्बती लेखक ने की थी – तारानाथ
  38. मध्य भारत में भागवत धर्म विकसित होने का प्रमाण किस लेख में मिलता है – गरुड़ स्तम्भ लेख
  39. अभिलेखों के अध्ययन को क्या कहते है – इपीग्राफी
  40. किन शासकों ने सर्प्रथम सिक्कों पर लेख लिखने का कार्य किया – यवन शासकों ने
  41. राजतरंगिणी पुस्तक की रचना किसने की – कल्हण ने
  42. सर्प्रथम भारतवर्ष का जिक्र किस अभिलेख में मिलता है – हाथीगुम्फा अभिलेख

Source of Ancient Indian History से related Question आपके लिए

नीचे दिए गए पाँच प्रश्नों का जबाब आपको नीचे कमेंट बॉक्स में देना है। देखते हैं आपने कितना सीखा।

  1. वायु पुराण किस वंश से संबंधित है ?
  2. सबसे बाद का का वेद कौन-सा है ?
  3. कौन-सा पुराण सबसे प्राचीन एवं प्रामाणिक है ?
  4. किस ग्रंथ में स्त्री को पुरुष का अर्धांगिनी कहा गया है ?
  5. नारद स्मृति किस युग के विषय में जानकारी प्रदान करता है ?

प्राचीन भारतीय इतिहास नोट्स :

निष्कर्ष (conclusion) :

अगर आप एस. एस. सी , रेलवे जैसे प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे है तो यह नोट्स आपको प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत (source of ancient indian history) से संबंधित सारे मुख्य और महत्वपूर्ण बिंदु को आसानी से याद रखने में बहुत मदद करेगा। इसमें objective question answer भी दिया गया है जिससे कि परीक्षा के समय तुरन्त revision करने में आसानी होगी।

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Himanshu Kumar
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