बेरहम माँ : Beraham Maan Akbar Birbal Hindi Story – दरबार लगा हुआ था। शहंशाह दरबारियों से राज्य के हालात पर बातचीत कर रहे थे। इतने में एक औरत हवा के झोंके की तरह चीखते-चिल्लाती हुई दरबार में आ गई। शहंशाह अकबर सहित दरबारी भी चौंक गए। एक दरबारी ने उस औरत को देखते हुए पूछा, “क्या परेशानी है ? तुम बदहवास-सी इतना दुखी होकर क्यों रो रही हो ?”
वह औरत बोली, “मेरी पड़ोसन ने मेरे बेटे का कत्ल कर दिया है।” बादशाह अकबर ने सैनिकों को हुक्म दिया कि उस पड़ोशीन को पकड़कर फौरन दरबार में हाजिर किया जाए।” सैनिकों ने पड़ोशीन को दरबार में लाकर हाजिर किया। शहंशाह ने पड़ोशीन को घूरते हुए पूछा, “क्या तुमने इस औरत के बेटे का कत्ल किया है ?”

पड़ोशीन यह सुनकर सहम ही नहीं गई, घबरा भी गई और बोली मेरे माई-बाप, मैं अपराधी नहीं हूं। मैंने इस औरत के पुत्र को नहीं मारा है। अवश्य कोई मेरा शत्रु है, जिसने स्वयं इसके पुत्र की हत्या कर उसका शव मेरे बिस्तर पर रख दिया।” शहंशाह ने बीरबल को हुक्म दिया कि वह अपनी सूझबूझ से इस मामले को सुलझाएं।
बीरबल कत्ल के इस मामले को सुलझाने के लिए उस जगह गए जहां इन दोनों औरतों के घर थे। बीरबल को आस-पास से मालूम हुआ कि जिस स्त्री के पुत्र की हत्या हुई है, वह अपनी पड़ोसन से अक्सर ही लड़ती-झगड़ती रहती है, इसके साथ ही वह औरत बदमिजाज भी है। लेकिन पड़ोसीन बहुत ही सीधी-सादी और चरित्रवान औरत है। इसके साथ ही बहुत निर्धन भी है।
बीरबल इस मामले की पूरी छानबीन करने के बाद दरबार में लौट आए और पड़ोसीन से बोले, “देखो, तुमने बच्चे की हत्या नहीं की है तो तुम इस भरे दरबार में अपने सारे वस्त्र उतार दो।”
पड़ोसीन यह सुनकर घबरा गई और कहने लगी, “बादशाहों के बादशाह, आप मेरी जान ले सकते हैं, पर मुझसे बड़े दरबार में कपड़े उतारने का ना कहें। मेरे पास बस मेरी इज्जत ही तो है।”
बीरबल ने अब उस औरत की ओर देखा, जिसके बच्चे का कत्ल हुआ था और आगे बढ़ते हुए बोले, “देखो, अगर तुम्हें पूरा विश्वास है कि तुम्हारे बच्चे का कत्ल पड़ोसीन ने ही किया है तो तुम भरे दरबार में निर्वस्त्र हो जाओ।” उस औरत ने देखते-ही-देखते अपने बदन के सारे कपड़े उतार कर जमीन पर रख दिए।
बीरबल अचानक है मुस्कुरा पड़े और सैनिकों से कहा, “इस निर्वस्त्र स्त्री को पेड़ से उल्टा लटका दो और उसके नीचे लाल मिर्च रखकर आग लगा दो। वास्तव में ही यह औरत बहुत ही क्रूर, कठोर तथा दुश्चरित्र है। मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि अपने पुत्र का कत्ल भी इस दुष्ट और चरित्रहीन औरत ने ही किया है।”
अकबर बादशाह का भी खून गुस्से से उबल पड़ा और गुर्राती आवाज में बोले, “यह औरत निहायत ही घटिया, जालिम है और इंसानों की बस्ती में रहने लायक नहीं है। हमारा हुक्म है कि इसे उम्र भर के लिए काल कोठरी में डाल दिया जाए।”
बादशाह के फैसले से सभी बहुत ही प्रसन्न हुए शहंशाह ने बीरबल को शाबासी दी और उनके इस बुद्धिमतापूर्ण कार्य के लिए उनको ढेरों बधाइयां भी दी।
उम्मीद करता हूँ आपको यह पोस्ट (beraham maan – akbar birbal ki kahani) पसंद आया होगा। इसी तरह का नई-नई कहानी सीधे अपने ईमेल पर पाने के लिए इस ब्लॉग को सब्सक्राइब करें।
नीचे कमेंट जरूर बताये कि बेरहम माँ : Beraham Maan Akbar Birbal Hindi Story आपको कैसी लगी। इस ब्लॉग के नये पोस्ट का नोटिफिकेशन फेसबुक पर पाने के लिए मेरे फेसबुक पेज को लाइक करें।