Brahmana samrajya history in hindi : पुष्यमित्र शुंग, जिसने मगध पर शुंग वंश की नींव डाली, ब्राह्मण जाती का था। शुंग वंश (shung dynasty) की स्थापना करने के पहले पुष्यमित्र शुंग (pushyamitra shunga) मौर्य साम्राज्य के सेनापति थे। 185 ई० पू० में शुंग ने अंतिम मौर्य सम्राट बृहद्रथ के अहिंसा विरोधी नीतियों के कारण उनका वध कर स्वयं को राजा घोषित कर दिया। उसके बाद उन्होंने अश्वमेध यज्ञ किया और उत्तर भारत का अधिकतर हिस्सा अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया। इस पोस्ट में ब्राह्मण साम्राज्य के शुंग वंश (shunga vansha), कण्व वंश (kanva vansha) तथा सातवाहन वंश (satavahana vansha) और इससे संबंधित question answer के बारे में जानेंगे।

ब्राह्मण साम्राज्य के बारे में महत्त्वपूर्ण तथ्य : Important Fact About Brahmana Samrajya
शुंग वंश (Shunga Vansha)
- पुष्यमित्र शुंग ने बृहद्रथ का वध करके मगध पर शुंग वंश के नींव डाली।
- पुष्यमित्र शुंग ब्राह्मण जाती का था।
- शुंग शासकों ने अपनी राजधानी विदिशा में स्थापित की।
- इन्डो-यूनानी शासक मिनांडर को पुष्यमित्र शुंग ने पराजित किया।
- पुष्यमित्र शुंग ने दो बार अश्वमेध यज्ञ किया। इनके लिए पतंजलि ने अश्वमेध यज्ञ कराए।
- भरहूत स्तूप का निर्माण पुष्यमित्र शुंग ने करवाया।
- शुंग वंश का अंतिम शासक देवभूति था।
- देवभूति की हत्या 73 ई० पू० में वासुदेव ने कर दी और मगध की गद्दी पर कण्व वंश की स्थापना की।
कण्व वंश (Kanva Vansha)
- वासुदेव ने देवभूति (अंतिम शुंग शासक) की हत्या करके मगध पर कण्व वंश की स्थापना की।
- कण्व वंश का अंतिम राजा सुशर्मा हुआ।
- सुशर्मा की हत्या शिमुक ने की।
सातवाहन वंश (Satavahana Vansha)
- शिमुक ने 60 ई० पू० में सुशर्मा (कण्व वंश का अंतिम शासक) की हत्या करके मगध पर सातवाहन वंश की स्थापना की।
- सातवाहन (आंध्र वंश) शासकों ने अपनी राजधानी प्रतिष्ठान में स्थापित की। (प्रतिष्ठान आंध्र प्रदेश के औरंगाबाद जिले में हैं। )
- सातवाहन वंश के प्रमुख शासक थे शिमुक, शातकर्णी, गौतमीपुत्र शातकर्णी, वशिष्ठीपुत्र, पुलुमावी तथा यज्ञश्री शातकर्णी।
- शातकर्णी ने दो अश्वमेध तथा एक राजसूय यज्ञ किया।
- सातवाहन शासकों के समय के प्रसिद्ध साहित्यकार हाल एवं गुणाढ्य थे।
- हाल ने गाथा सप्तशतक तथा गुणाढ्य ने बृहत्कथा नामक पुस्तकों की रचना की।
- सातवाहन शासकों ने चाँदी, ताँबे, सीसा, पोटीन और काँसे की मुद्राओं का प्रचलन किया।
- ब्राह्मणों को भूमि-अनुदान देने की प्रथा का आरंभ सातवाहन शासकों ने ही सर्प्रथम किया।
- सातवाहनों की भाषा प्राकृत एवं लिपि ब्राह्मी थी।
- सातवाहनों का समाज मातृसत्तात्मक था।
- सातवाहनों की महत्त्वपूर्ण स्थापत्य कृतियाँ हैं — कार्ले का चैत्य, अंजता एवं एलोरा की गुफाओं का निर्माण एवं अमरावती कला का विकास।
- शातकर्णी एवं अन्य सभी सातवाहन शासक दक्षिणापथ के स्वामी कहे जाते थे।
- सातवाहन राज्य ने उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सेतु का काम किया।
ब्राह्मण साम्राज्य (Brahmana Empire) के महत्त्वपूर्ण GK Question Answer in Hindi
- अंतिम मौर्य सम्राट बृहद्रथ की हत्या कर किसने शुंग वंश की स्थापना 185 ई० पू० में की – पुष्यमित्र शुंग
- पुष्यमित्र शुंग मौर्य सम्राट बृहद्रथ की राजकीय सेना में किस पद पर आसीन था – सेनापति
- कण्व / काण्व वंश का संस्थापक कौन था – वासुदेव
- सातवाहन / आंध्र सातवाहन वंश का संस्थापक कौन था – शिमुक
- सातवाहनों ने पहले किसके अधीन स्थानीय अधिकारियों के रूप में काम किया था – मौर्यों के अधीन
- सातवाहनों के समय में मुद्रा सर्वाधिक किस धातु के बने थे – सीसा
- किस वंश के शासकों ने ब्राह्मणों एवं बौद्ध भिक्षुओं को करमुक्त भूमि या गांव (भूमि अनुदान) देने की प्रथा आरंभ की – सातवाहन
- सातवाहनों ने आरंभिक दिनों में अपना शासन कहाँ शुरू किया – महाराष्ट्र
- सातवाहन राज्य की राजधानी कहाँ थी – पैठन / प्रतिष्ठान
- किस सातवाहन नरेश ने ‘गाथासप्तशती‘ नामक महत्त्वपूर्ण कृति की रचना की – हाल
- सातवाहन शासकों की राजकीय भाषा क्या थी – प्राकृत
- मौर्यों के बाद दक्षिण भारत में सबसे प्रभावशाली राज्य किस वंश का था – सातवाहन
- शुंग वंश के बाद किस वंश ने भारत पर राज किया – कण्व
- प्राचीन भारत का महान वैयाकरण पतंजलि किसका समकालीन था – पुष्यमित्र शुंग
- सातवाहन नरेश हाल के समकालीन गुणाढ्य ने किस प्राकृत ग्रंथ की रचना की – बृहत्कथा
- शुंग शासको ने अपनी राजधानी कहाँ पर स्थापित की थी – विदिशा
- पुष्यमित्र शुंग ने किससे अश्वमेध यज्ञ कराए – पतंजलि
- शुंग वंश का अंतिम शासक कौन था – देवभूति
- कण्व वंश का अंतिम राजा कौन था – सुशर्मा
- सातवाहनों शासको की लिपि क्या थी – ब्राह्मी
- सातवाहनों का समाज कैसा था – मातृसत्तात्मक
- शुंग वंश का अंतिम शासक देवभूति की हत्या किसने की थी – वासुदेव
- अमरावती कला का विकास किस वंश के शासकों की महत्त्वपूर्ण स्थापत्य कृतियाँ थी – सातवाहन
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ब्राह्मण साम्राज्य (brahmana samrajya) के शुंग वंश, शिमुक वंश तथा सातवाहन वंश के इतिहास (shunga vansha, shimuka vansha and satvahana vansha of brahmana samrajya history) से संबंधित कोई प्रश्न हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें। अधिक जानकारी आप मुझे फेसबुक पर फॉलो कर सकते हैं।