Chauhan vansh history notes in hindi : चौहान या चाहमान वंश के संस्थापक वासुदेव था। चौहान वंश राजपूतों के प्रसिद्ध वंशों में से एक है। चौहान वंश (chauhan dynasty) के शासकों ने वर्तमान राजस्थान, गुजरात एवं इसके समीपवर्ती क्षेत्रों पर 7वीं शताब्दी से लेकर 12वीं शताब्दी तक शासन किया। इस वंश के प्रमुख शासक थे – वासुदेव, अजयराज द्वितीय, अर्णोराज, विग्रहराज चतुर्थ वीसलदेव, पृथ्वीराज तृतीय इत्यादि। इस पोस्ट में चौहान वंश के इतिहास (chauhan vansh ka itihas) एवं इसके महत्त्वपूर्ण question answer के बारे में जानेंगे।

शाकम्भरी और अजमेर के चौहान या चाहमान शासकों की सूची : Chauhan Emperor
- वासुदेव (लगभग छटी शताब्दी)
- सामन्तराज (लगभग 684-709 ई०)
- नारा-देव (लगभग 709–721 ई० )
- अजयराज प्रथम (लगभग 721–734 ई०)
- विग्रहराज प्रथम (लगभग 734–759 ई०)
- चंद्रराज प्रथम (लगभग 759–771 ई०)
- गोपेंद्रराज (लगभग 771–784 ई०)
- दुर्लभराज प्रथम (लगभग 784–809 ई०)
- गोविंदराज प्रथम (लगभग 809–836 ई०)
- चंद्रराज द्वितीय (लगभग 836-863 ई०)
- गोविंदराजा द्वितीय (लगभग 863–890 ई०)
- चंदनराज (लगभग 890–917 ई०)
- वाक्पतिराज प्रथम (लगभग 917–944 ई०)
- सिम्हराज (लगभग 944–971 ई०)
- विग्रहराज द्वितीय (लगभग 971–998 ई०)
- दुर्लभराज द्वितीय (लगभग 998–1012 ई०)
- गोविंदराज तृतीय (लगभग 1012-1026 ई०)
- वाक्पतिराज द्वितीय (लगभग 1026-1040 ई०)
- विर्याराम (लगभग 1040 ई०)
- चामुंडराज चौहान (लगभग 1040-1065 ई०)
- दुर्लभराज तृतीय (लगभग 1065-1070 ई०)
- विग्रहराज तृतीय (लगभग 1070-1090 ई०)
- पृथ्वीराज प्रथम (ल. 1090–1110 ई०)
- अजयराज द्वितीय (लगभग 1110-1135 ई०)
- अर्णोराज चौहान (लगभग 1135–1150 ई०)
- जगददेव चौहान (लगभग 1150 ई०)
- विग्रहराज चतुर्थ (लगभग 1150–1164 ई०)
- अमरगंगेय (लगभग 1164–1165 ई०)
- पृथ्वीराज द्वितीय (लगभग 1165–1169 ई०)
- सोमेश्वर चौहान (लगभग 1169-1178 ई०)
- पृथ्वीराज तृतीय (लगभग 1178–1192 ई०)
- गोविंदाराज चतुर्थ (लगभग 1192 ई०)
- हरिराज (लगभग 1193–1194 ई०)
चौहान वंश का इतिहास : Chauhan Vansh History in Hindi
इतिहासविदों का मत है कि चौहनवंशीय जयपुर के सांभर तालाब के समीप में पुष्कर प्रदेश में और अजमेर-नगर में निवास करते थे। चौहान वंश के द्वारा शासित क्षेत्र सपादलक्ष कहलाता था।
वासुदेव (Vasudeva)
- चौहान वंश के स्थापना वासुदेव ने की।
- चौहान वंश की प्रारंभिक राजधानी अहिच्छत्र थी बाद में अजयराज द्वितीय ने अजमेर नगर की स्थापना की और उसे राजधानी बनाया।
- बिजोलिया शिलालेख के अनुसार सांभर झील का निर्माण वासुदेव ने करवाया था।
अर्णोराज (Arnoraja)
- अजयराज के बाद अर्णोराज ने अजमेर का शासन संभाला।
- अर्णोराज ने अजमेर में आनासागर झील का निर्माण करवाया।
- अर्णोराज शैव धर्म का अनुयायी था।
- अर्णोराज ने पुष्कर में विष्णु के वराह मंदिर का निर्माण कराया।
- अर्णोराज के दरबार में देवबोथ और धर्मघोष नामक प्रसिद्ध साहित्यकार रहते थे।
विग्रहराज चतुर्थ / वीसलदेव (Vigraharaja IV / Visaladeva)
- चौहान वंश का सबसे शक्तिशाली शासक अर्णोराज का पुत्र विग्रहराज चतुर्थ हुआ।
- विग्रहराज चतुर्थ ने हरिकेलि नामक संस्कृत नाटक के रचना की।
- सोमदेव विग्रहराज चतुर्थ के राजकवि थे। सोमदेव ने ललित विग्रहराज नामक नाटक लिखा।
- विग्रहराज ने अजमेर में कण्ठाभरण नामक संस्कृत विद्यालय का निर्माण करवाया। कुतुबुद्दीन ऐबक ने इस विद्यालय को तोड़कर अढ़ाई दिन का झोपड़ा नामक मस्जिद बना दिया।
- विग्रहराज चतुर्थ के काल को चौहान वंश का स्वर्णिम काल भी कहा जाता है, इन्होंने अपने राज्य का विस्तार दिल्ली तक किया।
पृथ्वीराज चौहान तृतीय (Prithviraja Chauhana III)
- चौहान वंश का अंतिम शक्तिशाली शासक पृथ्वीराज तृतीय था।
- इनका जन्म अजमेर राज्य के राजा सोमेश्वर के यहां हुआ था।
- पृथ्वीराज III के माता का नाम कर्पूरदेवी था।
- पृथ्वीराज चौहान लगभग 1177 ई० में अजमेर का शासक बना।
- चंदबरदाई पृथ्वीराज तृतीय का राजकवि था, जिसकी रचना पृथ्वीराजरासो है।
- रणथम्भौर के जैन मंदिर का शिखर पृथ्वीराज तृतीय ने बनवाया था।
- इन्होंने 1182 ई० में बुन्देलखण्ड के चंदेल राजा परमर्दिदेव व उसके सेनापति आल्हा व ऊदल को तुमुल के युद्ध में हराकर उसकी राजधानी महोबा पर विजय प्राप्त की ।
- पृथ्वीराज तृतीय ने स्वयंवर से जयचन्द की पुत्री संयोगिता का अपहरण कर लिया था।
- तराइन का प्रथम युद्ध 1191 ई० में हुआ, जिसमें पृथ्वीराज तृतीय की विजय और गौरी की हार हुई।
- तराइन के द्वितीय युद्ध 1192 ई० में हुआ, जिसमें गौरी की विजय एवं पृथ्वीराज तृतीय की हार हुई।
गोविन्दराज (Govindaraja)
- पृथ्वीराज तृतीय का पुत्र गोविन्दराज रणथम्भौर के चौहान वंश का संस्थापक था।
- गोविन्दराज ने दिल्ली सल्तनत की अधीनता स्वीकार कर ली थी।
Chauhan Vansh GK Question Answer in Hindi
- चौहान वंश की स्थापना किसने की – वासुदेव
- चौहान वंश की प्रारंभिक राजधानी क्या थी – अहिच्छत्र
- अजयराज द्वितीय ने बाद में चौहान वंश की राजधानी किसको बनाई – अजमेर
- ‘हरिकेलि’ नाटक के रचियता कौन थे – चौहान शासक विग्रहराज चतुर्थ (वीसलदेव)
- किस नाटक के कुछ अंश अढ़ाई दिन का झोपड़ा मस्जिद की दीवारों पर अंकित है – हरिकेलि
- अजमेर नगर के संस्थापक कौन थे – अजयराज द्वितीय
- विग्रहराज चतुर्थ के राजकवि कौन थे – सोमदेव
- सोमदेव ने किस नाटक की रचना की – ललित विग्रहराज नामक नाटक
- चौहान वंश का अंतिम शासक कौन था – पृथ्वीराज तृतीय
- पृथ्वीराज चौहान तृतीय का राजकवि कौन था – चंदबरदाई
- पृथ्वीराजरासो की रचना किसने की – चंदबरदाई
- तराइन का युद्ध किसके बीच हुआ – पृथ्वीराज तृतीय एवं मुहम्मद गौरी
- तराइन का प्रथम युद्ध कब हुआ – 1191 ई०
- तराइन के प्रथम युद्ध में किसकी जीत हुई – पृथ्वीराज तृतीय
- 1192 ई० के तराइन के द्वितीय युद्ध में किसकी जीत हुई – मुहम्मद गौरी
- पृथ्वीराज तृतीय का माता का नाम क्या था – कर्पूरदेवी
- अजमेर में आनासागर झील का निर्माण किसने करवाया – अर्णोराज
- सांभर झील का निर्माण किसने करवाया था – वासुदेव चौहान
प्राचीन भारतीय इतिहास नोट्स :
- प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत : Source of Ancient Indian History in Hindi
- प्रागैतिहासिक काल : Prehistoric Age Notes in hindi
- सिंधु घाटी सभ्यता / हड़प्पा सभ्यता : Indus Valley Civilization Notes In Hindi
- सिन्धु सभ्यता के प्रमुख स्थल, नदी, खोजकर्ता, स्थिति, वस्तुएं
- वैदिक सभ्यता : Vedic Civilization Notes in Hindi
- 16 महाजनपदों का उदय : Mahajanpada Period in Hindi
- जैन धर्म का इतिहास : Jain Dharma History in Hindi
- बौद्ध धर्म का इतिहास : Bauddha Dharma History in Hindi
- जैन धर्म के 24 तीर्थंकर : Jain Tirthankara and their symbols in Hindi
- शैव धर्म का इतिहास : Shaiv Dharm in Hindi
- वैष्णव धर्म या भगवत धर्म : Vaishnav Dharm History in Hindi
- इस्लाम धर्म का इतिहास : Islam Dharm History in Hindi
- ईसाई धर्म का इतिहास : Christian Dharma History in Hindi
- पारसी धर्म का इतिहास : Parsi Dharma History in Hindi
- मगध राज्य का उत्कर्ष : Magadha Empire History in Hindi
- सिकंदर का इतिहास : Sikandar / Alexander the Great History in Hindi
- मौर्य साम्राज्य / वंश का इतिहास : Maurya Samrajya History in Hindi
- ब्राह्मण साम्राज्य : शुंग, कण्व और सातवाहन वंश का इतिहास
- भारत के यवन राज्य : Bharat Ke Yavana Rajya in Hindi
- शक वंश का इतिहास : Shak Vansh History in Hindi
- कुषाण वंश का इतिहास : Kushana Vansha History in Hindi
- गुप्त साम्राज्य का इतिहास : Gupta Samrajya History in HIndi
- पुष्यभूति / वर्धन वंश : Pushyabhuti Vansha History in Hindi
- पल्लव वंश का इतिहास : Pallava Vansha History in Hindi
- राष्ट्रकूट वंश का इतिहास : Rashtrakuta Vansha in Hindi
- चालुक्य वंश का इतिहास : Chalukya Vansha History in Hindi
- चोल वंश का इतिहास : Chola Vansh History in Hindi
- यादव, होयसल, कदम्ब, गंग एवं काकतीय वंश का इतिहास
- पाल वंश का इतिहास : Pala Vansh History in Hindi
- सेन वंश का इतिहास : Sen Vansh History in Hindi
- कश्मीर के राजवंश : कार्कोट, उत्पल एवं लोहार वंश और वर्मन वंश
- गुर्जर प्रतिहार वंश : Gurjar Pratihar Vansh History in Hindi
- गहड़वाल वंश का इतिहास : Gahadavala Vansh in Hindi
उम्मीद करता हूँ आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा। इस ब्लॉग के सभी नए-नए पोस्ट सीधे अपने ईमेल पर पाने के लिए अभी सब्सक्राइब करें।
चौहान वंश / चाहमान वंश (chauhan vansh / chahamana dynasty history in hindi) से संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें। इसी तरह के और भी नए-नए पोस्ट का अपडेट फेसबुक पर पाने के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक जरूर करें।