Gahadavala vansh history in hindi : गहड़वाल वंश का संस्थापक चंद्रदेव था। गहड़वाल (राठौर) राजवंश ने 11वीं और 12वीं शताब्दी के दौरान उत्तर प्रदेश और बिहार के वर्तमान भारतीय राज्यों के कुछ हिस्सों पर शासन किया था। उनकी राजधानी वाराणसी (काशी) में स्थित थी। गहड़वाल वंश (gahadvala dynasty) के शासक थे – चंद्रदेव, गोविंद चंद्र, विजय चंद्र, जयचंद्र इत्यादि। इस पोस्ट में गहड़वाल वंश का इतिहास (gahadavala vansh ka itihas) एवं इससे संबंधित महत्वपूर्ण question answer के बारे में जानेंगे।

गहड़वाल वंश के शासक : Gahadavala Dynasty Emperor
शासक का नाम | शासन काल |
चंद्रदेव | 1089-1103 ई० |
मदन पाल | 1104-1113 ई० |
गोविंद चंद्र | 1114-1155 ई० |
विजय चंद्र | 1155-1169 ई० |
जयचंद्र | 1170-1194 ई० |
गहड़वाल वंश का इतिहास : Gahadavala Vansh History in Hindi
गुर्जर प्रतिहार साम्राज्य के पतन के बाद कन्नौज तथा बनारस में गहड़वाल वंश का उदय हुआ। गहड़वाल शासकों (gahadwal emperor) को ‘काशी नरेश‘ के रूप में भी जाना जाता था क्योंकि बनारस इनके राज्य की पूर्वी सीमा के निकट था।
चंद्रदेव (Chandradeva)
- गहड़वाल वंश की स्थापना चंद्रदेव ने की थी।
- इसकी राजधानी वाराणसी (काशी) थी।
- चंद्रदेव ने महाराजाधिराज की उपाधि धारण की थी।
- चंद्रदेव ने पाल शासक गोपाल को हराकर कन्नौज पर कब्जा कर लिया था।
- चंद्रदेव ने कलचुरी के पतन के बाद 1090 ई० में एक संप्रभु राज्य की स्थापना की।
- चंद्रदेव ने प्रतिहार शासक को हराकर कन्नौज पर अपना आधिपत्य स्थापित किया और 1100 ई० तक शासन किया।
मदनपाल या मदनचंद्र (Madanapala)
- चन्द्रदेव का पुत्र तथा उत्तराधिकारी मदनपाल या मदनचंद्र एक निर्बल शासक था।
गोविंद चंद्र (Govindachandra)
- मदनपाल के बाद उसकी रानी रालहदेवी से उत्पन्न पुत्र गोविंदचंद्र गहड़वाल वंश का शासक बना।
- गोविंद चंद्र गहड़वाल वंश का सर्वाधिक शक्तिशाली राजा था।
- गोविंदचंद्र ने पालों से मगध को जीता तथा मालवा पर अधिकार किया।
- इन्होंने इस वंश का यश चरमोत्कर्ष तक पहुँचाया।
- गोविंदचंद्र का मंत्री लक्ष्मीधर शास्त्रों का प्रकाण्ड पंडित था, जिसने कृत्यकल्पतरु नामक ग्रंथ लिखा था।
- गोविंदचंद्र के एक रानी कुमारदेवी ने सारनाथ में धर्मचक्र-जिन विहार बनवायी।
विजय चंद्र (Vijaychandra)
- गोविंद चंद्र के पुत्र विजय चंद्र ने गहड़वाल साम्राज्य को सुरक्षित बनाया।
- विजयचंद्र के शासन काल में लक्ष्मण सेन ने आक्रमण किया था।
- इस युद्ध में विजयचंद्र हार गया।
- विजयचंद्र के शासन काल में ही गहड़वाल वंश के स्थिति कमजोर होने लगी।
जयचन्द (Jayachanda)
- विजय चंद्र का पुत्र जयचन्द गहड़वाल वंश का अंतिम शक्तिशाली शासक था।
- जयचन्द ने देवगिरि के यादव, गुजरात के सोलंकी और तुर्की को कई बार हराया।
- अपने विजय के उपलक्ष्य में जयचन्द ने राजसूय यज्ञ कराया था।
- जयचन्द के राजकवि तथा संस्कृत के प्रख्यात कवि श्रीहर्ष ने इसके शासनकाल में नैशधीयचरित एवं खण्डनखाद्य की रचना की।
- अजमेर का चौहान राजा पृथ्वीराज तृतीय ने जयचन्द की पुत्री संयोगिता का अपहरण कर लिया था।
- जयचन्द को मुहम्मद गौरी ने 1194 ई० के चन्दावर युद्ध में मार डाला।
Gahadavala Vansh GK Question Answer in Hindi
- गहड़वाल वंश की स्थापना किसने की थी – चंद्रदेव
- गहड़वाल साम्राज्य की राजधानी क्या थी – वाराणसी (काशी)
- किसके राज्यकाल में लक्ष्मीधर ने ‘कल्पद्रुम’ या ‘कृत्यकल्प तरु’ नामक विधि ग्रंथ की रचना की – गोविंदचंद्र
- चन्दावर का युद्ध (1194 ई०) किसके मध्य हुआ – जयचन्द एवं मुहम्मद गौरी
- ‘नैषेध चरित’ व ‘खण्डन-खण्ड-खाद्य’ के रचियता श्रीहर्ष किस शासक के राजकवि थे – जयचंद्र
- गहड़वाल वंश का सबसे शक्तिशाली राजा कौन था – गोविंदचंद्र
- गोविंदचंद्र का मंत्री कौन था – लक्ष्मीधर
- गोविंदचंद्र की एक रानी ने सारनाथ में धर्मचक्र-जिन विहार बनवायी थी, उसका नाम क्या था – कुमारदेवी
- गोविंदचंद्र के पिता का नाम क्या था – मदनपाल या मदनचंद्र
- जयचन्द की पुत्री संयोगिता को किसने अपहरण कर लिया था – पृथ्वीराज तृतीय
- जयचन्द को चन्दावर युद्ध में किसने मार डाला – मुहम्मद गौरी
- गहड़वाल वंश का अंतिम शासक कौन था – जयचन्द
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