कुषाण वंश का इतिहास : Kushana Vansha History in Hindi

Kushana Vansha History in Hindi : पहल्व के बाद भारत में कुषाण (kushan) आए, जो यूची एवं तोखरी भी कहलाते हैं। इस वंश का सबसे प्रतापी राजा कनिष्क (Kansishka) था। इस पोस्ट में कुषाण वंश (kushana dynasty) से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्यों एवं इससे प्रतियोगिता परीक्षा में आने वाले question answer के बारे में जानेंगे।

kushana vansha history in hindi

कुषाण वंश के शासक (Kushana Vansha Emperor)

शासक

शासन काल

कुजुल कडफिसेस30-80 ई० लगभग
विम तक्षम80-95 ई० लगभग
विम कडफिसेस95-127 ई० लगभग
कनिष्क प्रथम127 ई० से 140-50 ई० लगभग
वासिष्क प्रथम140-50 ई० से 160 ई० तक लगभग
हुविष्क160-190 ई० लगभग
वासुदेव प्रथम
कनिष्क द्वितीय
वशिष्क
कनिष्क तृतीय
वासुदेव द्वितीय

कुषाण वंश (Kushana Vansha)

  • कुषाण यूची एवं तोखरी भी कहलाते हैं।
  • यूची नामक एक कबीला पाँच कुलों में  बँट गया था, उन्हीं में एक कुल के थे कुषाण।
  • कुषाण वंश के संस्थापक कुजुल कडफिसेस था।
  • इस वंश का सबसे प्रतापी राजा कनिष्क था।
  • इनकी राजधानी पुरुषपुर या पेशावर थी।
  • कुषाणों की द्वितीय राजधानी मथुरा थी।

कनिष्क (Kanishaka)

  • कनिष्क कुषाण वंश का सबसे प्रतापी राजा था।
  • कनिष्क ने 78 ई० (गद्दी पर बैठने के समय) में एक संवत् चलाया, जो शक-संवत् कहलाता है।
  • रबातक शिलालेख के अनुसार कनिष्क के पिता विम कडफिसेस (कडफिसेस द्वितीय) थे।
  • शक-संवत् को भारत सरकार द्वारा प्रयोग में लाया जाता है।
  • बौद्ध धर्म की चौथी बौद्ध-संगीति कनिष्क के शासनकाल में कुण्डलवन (कश्मीर) में प्रसिद्ध बौद्ध विद्वान वसुमित्र की अध्यक्षता में हुई।
  • कनिष्क बौद्ध धर्म के महायान सम्प्रदाय का अनुयायी था।
  • आरम्भिक कुषाण शासकों ने भारी संख्या में स्वर्ण मुद्राएँ जारी कीं, जिनकी शुद्धता गुप्त काल की स्वर्ण मुद्राओं से उत्कृष्ट है।
  • कनिष्क का राजवैद्य आयुर्वेद का विख्यात विद्वान चरक था, जिसने चरकसंहिता की रचना की।
  • महाविभाष सूत्र के रचनाकार वसुमित्र थे। इसे ही बौद्धधर्म का विश्वकोष कहा जाता है।
  • कनिष्क के राजकवि अश्वघोष ने बौद्धों का रामायण ‘बुद्धचरित‘ की रचना की।
  • वसुमित्र, पार्श्व, नागार्जुन, महाचेत और संघरक्ष भी कनिष्क के दरबार की विभूति थे।
  • भारत का आइंस्टीन नागार्जुन को कहा जाता है। इनकी पुस्तक माध्यमिक सूत्र (इस पुस्तक में नागार्जुन ने सापेक्षता का सिद्धांत प्रस्तुत किया था) है।
  • कनिष्क की मृत्यु 102 ई० में हो गयी।
  • कुषाण वंश का अंतिम शासक वासुदेव था।
  • गान्धार शैली एवं मथुरा शैली का विकास कनिष्क के शासनकाल में हुआ था।
  • रेशम मार्ग पर नियंत्रण रखने वाले शासकों में सबसे प्रसिद्ध कुषाण थे।
  • रेशम बनाने की तकनीक का आविष्कार सबसे पहले चीन में हुआ था।

कनिष्क प्रथम, द्वितीय शताब्दी की मूर्ति, मथुरा संग्रहालय

कनिष्क प्रथम, द्वितीय शताब्दी की मूर्ति, मथुरा संग्रहालय : Source Link – wikipedia

कुषाण वंश से संबंधित प्रश्न उत्तर : Kushana Vansha GK Question Answer in Hindi

  1. वह महानतम कुषाण नेता कौन था, जो बौद्ध बन गया था – कनिष्क
  2. कुषाण (kushana) काल के दौरान मूर्तिकला की गान्धार शैली किसका मिश्रण है – भारत-ग्रीक (यूनानी) शैली
  3. कनिष्क की राजधानी क्या थी – पुरुषपुर
  4. पुरुषपुर किसका दूसरा नाम है – पेशावर
  5. चरक किसके राज-चिकित्सक थे – कनिष्क
  6. तक्षशिला के प्रसिद्ध स्थल होने का कारण क्या था – गान्धार कला
  7. किस संग्रहालय में कुषाणकालीन मूर्तियों का संग्रह अधिक मात्रा में है – मथुरा संग्रहालय
  8. किसने सोने के सर्वाधिक शुद्ध सिक्के जारी किए – कुषाण
  9. कनिष्क के समकालीन थी – नागार्जुन, अश्वघोष, वसुमित्र
  10. भारतीयों के महान रेशम मार्ग (silk route) किसने आरंभ कराया – कनिष्क
  11. किसने बड़े पैमाने पर स्वर्ण मुद्राएँ (सोने की मुहर) चलाई थी – कुषाण शासकों ने
  12. चरक और नागार्जुन किसके दरबार की शोभा थे – कनिष्क
  13. शक संवत का प्रारंभ किस सम्राट के शासनकाल में 78 ई० से हुआ था – कनिष्क
  14. तक्षशिला विश्वविद्यालय कहाँ स्थित था – पाकिस्तान
  15. कुषाण काल (kushan period) में सबसे अधिक विकास किस क्षेत्र में हुआ था – वास्तुकला
  16. बुद्ध की खड़ी प्रतिमा किस काल में बनाई गई – कुषाण काल
  17. किस चीनी जनरल ने कनिष्क को हराया था – पेन चाऔ
  18. उत्तरी तथा उत्तरी-पश्चिमी भारत में सर्वाधिक संख्या में ताँबे के सिक्कों को जारी किसने किया था – कुषाणों ने
  19. कनिष्क बौद्ध धर्म की किस शाखा का अनुयायी था जिसका प्रसार उसने मध्य एशिया व सुदूर पूर्व में किया – महायान
  20. कनिष्क के शासन काल की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण घटना कौन-सी थी – चतुर्थ बौद्ध संगीति
  21. किस कुषाण शासक ने सर्प्रथम स्वर्ण मुद्राएँ जारी की – कडफिसेस द्वितीय
  22. चार धातुओं — सोना, चाँदी, ताँबा एवं सीसा — के सम्मिश्रण से बनने वाले सिक्के को क्या कहा जाता था – कार्षापण
  23. कुषाणों का संबंध था – चीन के यूची जनजाति से
  24. रोमन साम्राज्य के अनुसरण पर किस वंश के शासकों ने ‘कैसर’ (सीजर) की उपाधि ग्रहण की – कुषाण
  25. प्राचीन भारत में किस ने नियमित रूप से सोने के सिक्के चलाए – कुषाण
  26. कुषाण वंश के संस्थापक कौन थे – कुजुल कडफिसेस
  27. कुषाणों की द्वितीय राजधानी क्या थी – मथुरा
  28. भारत सरकार द्वारा कौन-सा संवत् प्रयोग में लाया जाता है – शक-संवत्
  29. महाविभाष सूत्र के रचनाकार कौन थे – वसुमित्र
  30. बौद्धधर्म का विश्वकोष किसे कहा जाता है – महाविभाष सूत्र को
  31. बौद्धों का रामायण ‘बुद्धचरित’ की रचना किसने की – अश्वघोष ने
  32. भारत का आइंस्टीन किसे कहा जाता है – नागार्जुन को
  33. किस पुस्तक में नागार्जुन ने सापेक्षता का सिद्धांत प्रस्तुत किया था – माध्यमिक सूत्र में
  34. गान्धार शैली एवं मथुरा शैली का विकास किसके शासनकाल में हुआ था – कनिष्क
  35. रेशम बनाने की तकनीक का अविष्कार सबसे पहले कहाँ पर हुआ था – चीन
  36. कनिष्क के पिता कौन थे – विम कडफिसेस (कडफिसेस द्वितीय)
  37. कुषाण वंश का अंतिम शासक कौन था – वासुदेव

प्राचीन भारतीय इतिहास नोट्स :

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Himanshu Kumar
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