Magadha rajya history in hindi : मगध प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों में से एक था। आधुनिक पटना तथा गया जिला इसमें शामिल थे। मगध का सर्प्रथम उल्लेख अथर्ववेद में मिलता है। मगध बुद्धकालीन समय में एक शक्तिशाली राजतन्त्रों में एक था। इस पोस्ट में मगध राज्य का उत्कर्ष (magadh rajya ka utkarsh) से संबंधित हर्यंक वंश के शासक बिम्बिसार, अजातशत्रु, उदायिन, नागदशक एवं शिशुनाग वंश के शासक शिशुनाग, कालाशोक, नंदिवर्धन तथा नंदवंश के शासक महापद्मनंद और घनानंद के बारे में महत्वपूर्ण संक्षिप्त नोट्स (short notes) दिया गया है। इसके साथ ही मगध राज्य (magadha empire) का उत्कर्ष का सम्पूर्ण question answer दिया हुआ है।

मगध राज्य का उत्कर्ष (Rise of Magadha Empire in Hindi)
मगध के सबसे प्राचीन वंश के संस्थापक बृहद्रथ (Brihadratha) था। इसकी राजधानी गिरिब्रज (राजगृह) थी। जरासंध (Jarasandha) बृहद्रथ का पुत्र था।
हर्यंक वंश (Haryanka Dynasty)
बिम्बिसार (Bimbisara)
- हर्यंक वंश के संस्थापक बिम्बिसार था।
- यह मगध की गद्दी पर 544 ई० पू० (बौद्ध ग्रंथों के अनुसार) में बैठा था।
- बिम्बिसार बौद्ध धर्म का अनुयायी था।
- बिम्बिसार ने ब्रह्मदत्त को हराकर अंग राज्य को मगध में मिला लिया।
- बिम्बिसार ने राजगृह (गिरिब्रज) का निर्माण कर उसे अपनी राजधानी बनाया।
- बिम्बिसार ने मगध पर करीब 52 वर्षों तक शासन किया।
- बिम्बिसार ने महात्मा बुद्ध की सेवा में राजवैद्य जीवक को भेजा।
- अवन्ति के राजा जब पांडु रोग से ग्रसित थे उस समय भी बिम्बिसार ने जीवक को उनकी सेवा-सुश्रूषा के लिए भेजा था।
- बिम्बिसार ने वैवाहिक संबंध स्थापित कर अपने साम्राज्य का विस्तार किया।
- बिम्बिसार ने कोशल नरेश प्रसेनजित की बहन महाकोशला से, वैशाली के चेटक की पुत्री चेल्लना से और मद्र देश (आधुनिक पंजाब) की राजकुमारी क्षेमा से शादी की।
- बिम्बिसार की हत्या उसके पुत्र अजातशत्रु ने कर दी और वह 493 ई० पू० में मगध की गद्दी पर बैठा।
अजातशत्रु (Ajatshatru)
- अजातशत्रु का उपनाम कुणिक था।
- अजातशत्रु ने 32 वर्षों तक मगध पर शासन किया।
- अजातशत्रु प्रारंभ में जैन धर्म का अनुयायी था।
- अजातशत्रु के सुयोग्य मंत्री का नाम वर्षकार (वरस्कार) था। इसी की सहायता से अजातशत्रु ने वैशाली पर विजय प्राप्त की।
- अजातशत्रु की हत्या उसके पुत्र उदायिन ने 461 ई० पू० में कर दी और वह मगध की गद्दी पर बैठा।
उदायिन (Udayina)
- उदायिन ने पाटलिग्राम की स्थापना की।
- उदायिन भी जैन धर्म का अनुयायी था।
- हर्यंक वंश का अंतिम राजा उदायिन का पुत्र नागदशक था।
नागदशक (Nagdashaka)
- नागदशक को उसके अमात्य शिशुनाग ने 412 ई० पू० में अपदस्थ करके मगध पर शिशुनाथ वंश की स्थापना की।
- यह हर्यंक वंश का अंतिम राजा था।
शिशुनाग वंश (Shishunaga Dynasty)
शिशुनाग (Shishunaga)
- शिशुनाग ने अपनी राजधानी पाटलिपुत्र से हटाकर वैशाली में स्थापित की।
कालाशोक (Kalashoka)
- शिशुनाग का उत्तराधिकारी कालशोक पुनः राजधानी को पाटलिपुत्र ले गया।
नंदिवर्धन (Nandivardhana)
- शिशुनाग वंश का अंतिम राजा नंदिवर्धन था।
नंदवंश (Nanda Dynasty)
महापद्मनंद (Mahapadma Nanda)
- नंदवंश का संस्थापक महापद्मनंद था।
घनानन्द (Ghana Nanda)
- नंदवंश का अंतिम शासक घनानन्द था।
- यह सिकंदर का समकालीन था।
- इसे चंद्रगुप्त मौर्य ने युद्ध में पराजित किया और मगध पर एक नये वंश ‘मौर्य वंश’ की स्थापना की।
मगध साम्राज्य संक्षिप्त नोट्स (Magadha Empire Short Notes in Hindi)
बिम्बिसार
स्थापना | हर्यंक वंश की |
अनुयायी | बौद्ध धर्म |
राजधानी | राजगृह (गिरिब्रज) |
पत्नी | महाकोशला (प्रसेनजित की बहन), चेल्लना (वैशाली के चेटक की पुत्री), क्षेमा [मद्र देश (आधुनिक पंजाब) की राजकुमारी] |
पुत्र का नाम | अजातशत्रु |
हत्या | अजातशत्रु ने की |
अजातशत्रु
उपनाम | कुणिक |
पिता का नाम | बिम्बिसार |
मंत्री का नाम | वर्षकार |
पुत्र का नाम | उदायिन |
हत्या | उदायिन ने की |
उदायिन
पिता का नाम | अजातशत्रु |
स्थापना | पाटलिग्राम की |
अनुयायी | जैन धर्म |
उदायिन का पुत्र | नागदशक |
नागदशक
पिता का नाम | उदायिन |
अमात्य का नाम | शिशुनाग |
हर्यंक वंश का अंतिम राजा | नागदशक |
शिशुनाग वंश
शिशुनाग वंश के संस्थापक | शिशुनाग |
राजधानी | शिशुनाग ने पाटलिपुत्र से हटाकर वैशाली में स्थापित की। |
शिशुनाग का उत्तराधिकारी | कालशोक |
राजधानी | कालशोक पुनः पाटलिपुत्र ले आया |
शिशुनाग वंश का अंतिम राजा | नंदिवर्धन |
नंदवंश
संस्थापक | महापद्मनंद |
अंतिम शासक | घनानन्द (सिकंदर का समकालीन था) |
मगध राज्य का उत्कर्ष से प्रश्न उत्तर (Magadha Rajaya Ka Utkarsh GK Question Answer in Hindi)
- हर्यंक वंश के किस शासक को ‘कुणिक’ कहा जाता था – अजातशत्रु
- किस शासक ने गंगा एवं सोन नदियों के संगम पर पाटलिपुत्र नामक नगर की स्थापना की – उदायिन
- शिशुनाग वंश का वह कौन से शासक था, जिसके समय में वैशाली में द्वितीय बौद्ध संगीति का आयोजन किया गया, उसे ‘काकवर्ण’ के नाम से भी जाना जाता है – कालाशोक
- नंद वंश का संस्थापक कौन था – महापद्मनंद
- ग्रीक / यूनानी लेखकों द्वारा किसे ‘अग्रमीज’ / ‘जैन्ड्रमीज’ कहा गया – घनानन्द
- प्राचीन भारत में पहला विदेशी आक्रमण किनके द्वारा किया गया – ईरानियों द्वारा
- प्राचीन भारत में दूसरा विदेशी आक्रमण एवं पहला यूरोपीय आक्रमण किनके द्वारा किया गया – यूनानियों द्वारा
- हर्यंक वंश के संस्थापक कौन थे – बिम्बिसार
- कालाशोक ने किस वंश की स्थापना की – शिशुनाग वंश
- नंद वंश की स्थापना किसने की – महापद्मनंद
- किस शासक द्वारा सर्प्रथम पाटलिपुत्र का राजधानी के रूप में चयन किया गया – उदायिन द्वारा
- मगध का कौन-सा राजा सिकंदर महान का समकालीन था – घनानंद
- प्रथम मगध साम्राज्य (magadha empire) का उत्कर्ष किस सदी में हुआ था – छठी सदी ई० पू०
- मगध के राजा अजातशत्रु का सदैव किस गणराज्य के साथ युद्ध रहा – वज्जि संघ (वैशाली)
- वज्जि संघ के विरुद्ध मगध राज्य के किस शासक ने प्रथम बार ‘रथमूसल’ तथा ‘महाशिलाकंटक’ नामक गुप्त हथियारों का प्रयोग किया – अजातशत्रु
- नंद वंश का अंतिम सम्राट कौन था – घनानन्द
- मगध सम्राट बिम्बिसार ने अपने राजवैद्य जीवक को किस राज्य के राजा की चिकित्सा के लिए भेजा था – अवन्ति
- किस शासक ने अवन्ति को जीतकर मगध का हिस्सा बना दिया – शिशुनाग
- किस मगध सम्राट ने अंग का विलय अपने राज्य में कर लिया – बिम्बिसार
- काशी और लिच्छवी का विलय मगध साम्राज्य में किसने किया – अजातशत्रु
- ईसा पूर्व 6ठी सदी में, प्रारंभ में भारत का सर्वाधिक शक्तिशाली नगर राज्य कौन था – मगध
- किसे ‘सेनिया’ (नियमित और स्थायी सेना रखनेवाला) कहा जाता था – बिम्बिसार
- किसे ‘उग्रसेन’ (भयानक सेना का स्वामी) कहा जाता था – महापद्मनंद
- मगध के किस प्रारंभिक शासक ने राज्यारोहण के लिए अपने पिता की हत्या की एवं इसी कारणवश अपने पुत्र द्वारा मारा गया – अजातशत्रु
- बिम्बिसार की हत्या किसने की – अजातशत्रु
- बिम्बिसार के पुत्र का नाम क्या था – अजातशत्रु
- उदायिन किस धर्म का अनुयायी था – जैन धर्म
- अजातशत्रु का उपनाम क्या था – कुणिक
- अजातशत्रु के मंत्री का क्या नाम था – वर्षकार
- हर्यंक वंश का अंतिम राजा कौन था – नागदशक
- अजातशत्रु की हत्या किसने की – उदायिन ने
- शिशुनाग वंश का अंतिम राजा कौन था – नंदिवर्धन
- बिम्बिसार ने किसको हराकर अंग राज्य को मगध में मिला लिया – ब्रह्मदत्त
- बिम्बिसार किस धर्म का अनुयायी था – बौद्ध धर्म
- शिशुनाग ने किसको अपदस्थ करके मगध पर शिशुनाग वंश की स्थापना की – नागदशक
- किस शासक ने अपनी राजधानी पाटलिपुत्र से हटाकर वैशाली में स्थापित की – शिशुनाग
- घनानंद को किस शासक ने युद्ध में हराकर मगध पर ‘मौर्य वंश’ की स्थापना की – चंद्रगुप्त मौर्य
प्राचीन भारतीय इतिहास नोट्स :
- प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत : Source of Ancient Indian History in Hindi
- प्रागैतिहासिक काल : Prehistoric Age Notes in hindi
- सिंधु घाटी सभ्यता / हड़प्पा सभ्यता : Indus Valley Civilization Notes In Hindi
- सिन्धु सभ्यता के प्रमुख स्थल, नदी, खोजकर्ता, स्थिति, वस्तुएं
- वैदिक सभ्यता : Vedic Civilization Notes in Hindi
- 16 महाजनपदों का उदय : Mahajanpada Period in Hindi
- जैन धर्म का इतिहास : Jain Dharma History in Hindi
- बौद्ध धर्म का इतिहास : Bauddha Dharma History in Hindi
- जैन धर्म के 24 तीर्थंकर : Jain Tirthankara and their symbols in Hindi
- शैव धर्म का इतिहास : Shaiv Dharm in Hindi
- वैष्णव धर्म या भगवत धर्म : Vaishnav Dharm History in Hindi
- इस्लाम धर्म का इतिहास : Islam Dharm History in Hindi
- ईसाई धर्म का इतिहास : Christian Dharma History in Hindi
- पारसी धर्म का इतिहास : Parsi Dharma History in Hindi
उम्मीद करता हूँ आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा। इस ब्लॉग के सभी नए पोस्ट सीधे अपने ईमेल पर पाने के लिए अभी सब्सक्राइब करें। इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ फेसबुक पर शेयर करें।
मगध राज्य का उत्कर्ष या विस्तार (magadha rajya ka utkarsh history in hindi) से संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें। अधिक जानकारी के लिए आप मुझे फेसबुक पर फॉलो कर सकते है।
articles that are nice and very interesting I like to read the articles you make
Thanks for sharing such an amazing article, really informative