मौर्य साम्राज्य / वंश का इतिहास : Maurya Samrajya History in Hindi

Maurya Empire History Notes in Hindi : मौर्य साम्राज्य (maurya samrajya) पूर्व में मगध राज्य में गंगा नदी के मैदानों (आज का बिहार एवं बंगाल) से शुरू हुआ। इसकी राजधानी पाटलिपुत्र (आज का पटना शहर के पास) थी। मौर्य वंश (maurya vansh) की स्थापना का श्रेय चन्द्रगुप्त मौर्य और उसके मंत्री आचार्य चाणक्य (कौटिल्य) को दिया जाता है। इस पोस्ट में मौर्य वंश का इतिहास (maurya dynasty history) से संबंधित चन्द्रगुप्त मौर्य, बिन्दुसार, अशोक इत्यादि के बारे में जानेंगे। साथ ही मौर्य साम्राज्य के महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर (maurya samrajya objective question answer in hindi) को भी देखेंगे।

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मौर्य वंश / मौर्य साम्राज्य की स्थापना (Maurya dynasty / Maurya Empire Establishment)

मौर्य वंश प्राचीन भारत का एक शक्तिशाली राजवंश था। 322 ई० पू० में चन्द्रगुप्त मौर्य ने अपने गुरु चाणक्य की सहायता से धनानन्द की हत्या कर मौर्य वंश (maurya vansha)की नींव डाली थी।

जिस समय चन्द्रगुप्त राजा बना था भारत की राजनीतिक स्थिति बहुत खराब थी। उसने सबसे पहले एक सेना तैयार की और सिकन्दर के विरुद्ध युद्ध प्रारम्भ किया।

317 ई. पू. तक उसने सम्पूर्ण सिन्ध और पंजाब प्रदेशों पर अधिकार कर लिया। पंजाब और सिन्ध विजय के बाद चन्द्रगुप्त तथा चाणक्य ने धनानन्द का नाश करने हेतु मगध पर आक्रमण कर दिया। युद्ध में धनानन्द मारा गया।  अब चन्द्रगुप्त भारत के एक विशाल साम्राज्य मगध का शासक बन गया।

सिकन्दर की मृत्यु के बाद सेल्यूकस उसका उत्तराधिकारी बना। वह सिकन्दर द्वारा जीता हुआ भू-भाग प्राप्त करने के लिए उत्सुक था। इस उद्देश्य से 305 ई. पू. उसने भारत पर पुनः चढ़ाई की।

चन्द्रगुप्त ने पश्‍चिमोत्तर भारत के यूनानी शासक सेल्यूकस निकेटर को पराजित कर एरिया (हेरात), अराकोसिया (कंधार), जेड्रोसिया (मकरान), पेरोपेनिसडाई (काबुल) के भू-भाग को अधिकृत कर विशाल भारतीय साम्राज्य की स्थापना की।

सेल्यूकस ने अपनी पुत्री हेलना (कार्नेलिया) का विवाह चन्द्रगुप्त से कर दिया। उसने मेगस्थनीज को राजदूत के रूप में चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में नियुक्‍त किया।

मौर्य शासकों की सूची (Maurya Emperor List)

चन्द्रगुप्त मौर्य322-298 ई०पू० (24 वर्ष)
बिन्दुसार298-271 ई०पू० (28 वर्ष)
अशोक269-232 ई०पू० (37 वर्ष)
कुणाल232-228 ई०पू० (4 वर्ष)
दशरथ228-224 ई०पू० (4 वर्ष)
सम्प्रति224-215 ई०पू० (9 वर्ष)
शालिसुक215-202 ई०पू० (13 वर्ष
देववर्मन202-195 ई०पू० (7 वर्ष)
शतधन्वन195-187 ई०पू० (8 वर्ष)
बृहद्रथ187-185 ई०पू० (2 वर्ष)

चन्द्रगुप्त मौर्य (Chandragupta Maurya)

  • मौर्य वंश का संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य था।
  • चन्द्रगुप्त मौर्य का जन्म 345 ई० पू० में हुआ था।
  • घनानंद को हराने में चाणक्य ने चन्द्रगुप्त मौर्य की मदद की थी, जो बाद में चन्द्रगुप्त का प्रधानमंत्री बना।
  • चाणक्य (कौटिल्य / विष्णुगुप्त) द्वारा लिखित पुस्तक अर्थशास्त्र है, जिसका संबंध राजनीति से है।
  • चन्द्रगुप्त मगध की राजगद्दी पर 322 ई० पू० में बैठा।
  • चन्द्रगुप्त जैनधर्म का अनुयायी था।
  • चन्द्रगुप्त ने 305 ई० पू० में सेल्युकस निकेटर को हराया।
  • सेल्युकस निकेटर ने अपनी पुत्री कार्नेलिया (हेलेना) की शादी चन्द्रगुप्त मौर्य के साथ कर दी और युद्ध की संधि-शर्तों के अनुसार चार प्रान्त काबुल, कंधार, हेरात एवं मकरान चन्द्रगुप्त को दिए।
  • चन्द्रगुप्त मौर्य ने जैनी गुरु भद्रबाहु से जैनधर्म की दीक्षा ली थी।
  • मेगास्थनीज सेल्युकस निकेटर का राजदूत था, जो चन्द्रगुप्त के दरबार में रहता था।
  • मेगास्थनीज द्वारा लिखी गयी पुस्तक इंडिका है।
  • चन्द्रगुप्त ने अपना अंतिम समय कर्नाटक के श्रवणबेलगोला नामक स्थान पर बिताया।
  • चन्द्रगुप्त मौर्य और सेल्युकस के बीच हुए युद्ध का वर्णन एप्पियानस ने किया है।
  • प्लूटार्क के अनुसार चन्द्रगुप्त ने सेल्यूकस को 500 हाथी उपहार में दिए थे।
  • चन्द्रगुप्त मौर्य की मृत्यु 298 ई० पू० में श्रवणबेलगोला में उपवास द्वार हुई।

बिन्दुसार (Bindusara)

  • चन्द्रगुप्त मौर्य का उत्तराधिकारी बिन्दुसार हुआ।
  • यह 298 ई० पू० में मगध की राजगद्दी पर बैठा।
  • बिन्दुसार को अमित्रघात के नाम से जाना जाता है। अमित्रघात का अर्थ है – शत्रु विनाशक।
  • बिन्दुसार आजीवक सम्प्रदाय का अनुयायी था।
  • वायुपुराण में बिन्दुसार को भद्रसार (या वारिसार) कहा गया है।
  • स्ट्रैबो के अनुसार सीरियन नरेश एण्टियोकस ने बिन्दुसार के दरबार में डायमेकस नामक राजदूत भेजा।
  • डायमेकस को ही मेगास्थनीज का उत्तराधिकारी माना जाता है।
  • जैन ग्रंथों में बिन्दुसार को सिंहसेन कहा गया है।
  • बिन्दुसार के शासनकाल में तक्षशिला में हुए दो विद्रोहों का वर्णन है।
  • इस विद्रोह को दबाने के लिए बिन्दुसार ने पहले सुसीम को और बाद में अशोक को भेजा।
  • एथीनियस के अनुसार बिन्दुसार ने सीरिया के शासक एण्टियोकस प्रथम से मदिरा, सूखे अंजीर एवं एक दार्शनिक भेजने की प्रार्थना की थी।
  • बौद्ध विद्वान ने बिन्दुसार को 16 राज्यों को विजेता बताया है।

अशोक (Ashoka)

  • बिन्दुसार का उत्तराधिकारी अशोक महान हुआ।
  • यह 269 ई० पू० में मगध की राजगद्दी पर बैठा।
  • राजगद्दी पर बैठने के समय अशोक अवन्ति का राज्यपाल था।
  • अशोक की माता का नाम सुभद्रांगी था।
  • मास्की एवं गुर्जरा अभिलेख में अशोक का नाम अशोक मिलता है।
  • पुराणों में अशोक को अशोकवर्धन कहा गया है।
  • “प्लिनी का कथन है कि मिस्र का राजा फिलाडेल्फस [टॉलमी द्वितीय] ने पाटलिपुत्र में डियानीसियस नाम का राजदूत भेज था। (अशोक के दरबार में)
  • उपगुप्त नामक बौद्ध भिक्षु ने अशोक को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी।
  • अशोक ने आजीवकों को रहने हेतु बराबर की पहाड़ियों में चार गुफाओं का निर्माण करवाया जिसका नाम कर्ज, चोपार, सुदामा तथा विश्व झोपड़ी था।
  • अशोक के पौत्र दशरथ ने आजीविकों को नागार्जुन गुफा प्रदान की थी।
  • अशोक ने बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए अपने पुत्र महेंद्र एवं पुत्री संघमित्रा को श्रीलंका भेजा।
  • भारत में शिलालेख का प्रचलन सर्प्रथम अशोक ने किया।
  • अशोक शिलालेखों में ब्राह्मी, खरोष्ठी, ग्रीक एवं अरमाइक लिपि का प्रयोग हुआ है।
  • ग्रीक एवं अरमाइक लिपि का अभिलेख अफगानिस्तान से, खरोष्ठी लिपि का अभिलेख उत्तर पश्चिम पाकिस्तान से और शेष भारत से ब्राह्मी लिपि के अभिलेख मिले हैं।

अशोक के अभिलेख (Ashoka Abhilekha)

अशोक के अभिलेखों को तीन भागों में बाँटा जा सकता है –

  1. शिलालेख
  2. स्तम्भलेख
  3. गुहालेख
  • अशोक के शिलालेख के खोज 1750 ई० में पाद्रेटी फेंथैलर ने की थी। इनकी संख्या 14 है।
  • अशोक के अभिलेख पढ़ने में सबसे पहली सफलता 1837 ई० में जेम्स प्रिसेप को हुई।

अशोक के प्रमुख शिलालेख एवं उनमें वर्णित विषय

1.पहला शिलालेख इसमें पशुबलि की निंदा की गयी है।
2.दूसरा शिलालेखइसमें अशोक ने मनुष्य एवं पशु दोनों की चिकित्सा-व्यवस्था का उल्लेख किया है।
3.तीसरा शिलालेखइसमें राजकीय अधिकारियों को यह आदेश दिया गया है कि वे हर पांचवें वर्ष के उपरांत दौरे पर जाएँ। इस शिलालेख में कुछ धार्मिक नियमों का भी उल्लेख किया गया है।
4.चौथा शिलालेखइस अभिलेख में भेरिघोष की जगह धम्मघोष की घोषणा की गयी है।
5.पाँचवाँ शिलालेखइस शिलालेख में धर्म-महामात्रों की नियुक्ति के विषय में जानकारी मिलती है।
6.छठा शिलालेखइसमें आत्म-नियंत्रण की शिक्षा दी गयी है।
7.सातवाँ एवं आठवाँ शिलालेखइनमें अशोक की तीर्थ-यात्राओं का उल्लेख किया गया है।
8.नौवाँ शिलालेखइसमें सच्ची भेंट तथा सच्चे शिष्टाचार का उल्लेख किया गया है।
9.दसवाँ शिलालेखइसमें अशोक ने आदेश दिया है कि राजा तथा उच्च अधिकारी हमेशा प्रजा के हित में सोचें।
10.ग्यारहवाँ शिलालेखइसमें धम्म की व्याख्या की गयी है।
11.बारहवाँ शिलालेखइसमें स्त्री महामात्रों की नियुक्ति एवं सभी प्रकार के विचारों के सम्मान की बात कही गयी है।
12.तेरहवाँ शिलालेखइसमें कलिंग युद्ध का वर्णन एवं अशोक के हृदय-परिवर्तन की बात कही गयी है। इसी में पड़ोसी राजाओं का वर्णन है।
13.चौदहवाँ शिलालेखअशोक ने जनता को धार्मिक जीवन बिताने के लिए प्रेरित किया।

अशोक के स्तम्भ-लेख (Ashoka Stambh-Lekha)

अशोक के स्तम्भ-लेखों की संख्या 7 है, जो केवल ब्राह्मी लिपि में लिखी गयी है। यह छह अलग-अलग स्थानों से प्राप्त हुआ है –

1.प्रयाग स्तम्भ-लेखयह पहले कौशाम्बी में स्थित था। इस स्तम्भ-लेख को अकबर ने इलाहाबाद के किले में स्थापित कराया। 
2.दिल्ली टोपरायह स्तम्भ-लेख फिरोजशाह तुगलक के द्वारा टोपरा से दिल्ली लाया गया।
3.दिल्ली-मेरठपहले मेरठ में स्थित यह स्तम्भ-लेख फिरोजशाह द्वारा दिल्ली लाया गया है।
4.रामपुरवायह स्तम्भ-लेख चम्पारण (बिहार) में स्थापित है। इसकी खोज 1872 ई० में कारलायल ने की।
5.लौरिया अरेराजचम्पारण (बिहार) में।
6.लौरिया नंदनगढ़चम्पारण (बिहार) में इस स्तम्भ पर मोर का चित्र बना है।
  • कौशाम्बी अभलेख को ‘रानी का अभिलेख‘ कहा जाता है।
  • अशोक का सबसे छोटा स्तम्भ-लेख रूम्मिदेई है। इसी में लुम्बिनी में धम्म-यात्रा के दौरान अशोक द्वारा भू-राजस्व की दर घटा देने की घोषणा की गयी है।
  • अशोक का 7वाँ अभिलेख सबसे लंबा है।
  • प्रथम पृथक शिलालेख में यह घोषणा है कि सभी मनुष्य मेरे बच्चे हैं।
  • अशोक का शार-ए-कुना (कंदहार) अभिलेख ग्रीक एवं आर्मेइक भाषाओं में प्राप्त हुआ है।

मौर्य प्रान्त की राजधानी

मौर्य प्रान्त

राजधानी

उत्तरापथतक्षशिला
अवन्ति राष्ट्रउज्जयिनी
कलिंगतोसली
दक्षिणापथसुवर्णागिरी
प्राशी (पूर्वी प्रान्त)पाटलिपुत्र

मौर्य प्रशासनिक व्यवस्था (Maurya Administrative Law)

  • सम्राट की सहायता के लिए एक मंत्रिपरिषद होती थी जिसमें सदस्यों की संख्या 12, 16 या 20 हुआ करती थी।
  • अर्थशास्त्र में शीर्षस्थ अधिकारी के रूप में तीर्थ का उल्लेख मिलता है, जिसे महामात्र भी कहा जाता था। इसकी संख्या 18 थी।
  • अर्थशास्त्र में चर जासूस को कहा गया है।
  • अशोक के समय मौर्य साम्राज्य में प्रान्तों की संख्या 5 थी। प्रान्तों को चक्र कहा जाता था।
  • प्रान्तों के प्रशासक कुमार य आर्यपुत्र या राष्ट्रिक कहलाते थे।
  • प्रान्तों का विभाजन विषय में किया गया था, जो विषयपति के अधीन होते थे।
  • प्रशासन की सबसे छोटी इकाई ग्राम थी, जिसका मुखिया ग्रामिक कहलाता था।
  • बिक्री-कर के रूप में मूल्य का 10वाँ भाग वसूला जाता था।
  • मेगास्थनीज के अनुसार अग्रोनोमाई मार्ग-निर्माण अधिकारी था।
  • जस्टिन के अनुसार चन्द्रगुप्त मौर्य के सेना में लगभग 50,000 अश्वारोही सैनिक, 9000 हाथी एवं 8000 रथ थे।
  • युद्ध-क्षेत्र में सेना का नेतृत्व करनेवाला अधिकारी नायक कहलाता था।
  • सैन्य विभाग का सबसे बड़ा अधिकारी सेनापति होता था।
  • अशोक के समय जनपदीय न्यायालय के न्यायाधीश को राजुक कहा जाता था।
  • सरकारी भूमि को सीता भूमि कहा जाता था।
  • बिना वर्षा के अच्छी खेती होनेवाली भूमि को अदेवमातृक कहा जाता था।

मौर्य कालीन गुप्तचर

  • मौर्य प्रशासन में गुप्तचर विभाग महामात्य सर्प नामक अमात्य के अधीन था।
  • अर्थशास्त्र में गुप्तचर को गूढ़ पुरुष कहा गया है।
  • तथा एक ही स्थान पर रहकर कार्य करनेवाले गुप्तचर को संस्था कहा जाता था।
  • एक स्थान से दूसरे स्थान पर भ्रमण करके कार्य करनेवाले गुप्तचर को संचार कहा जाता था।

अर्थशास्त्र में वर्णित तीर्थ

1.मंत्रीप्रधानमंत्री
2.पुरोहितधर्म एवं दान-विभाग का प्रधान
3.सेनापतिसैन्य विभाग का प्रधान
4.युवराजराजपुत्र
5.दौवारिकराजकीय द्वार-रक्षक
6.अन्तर्वेदिकअंतःपुर का अध्यक्ष
7.समाहर्ताआय का संग्रहकर्त्ता
8.सन्निधाताराजकीय कोष का अध्यक्ष
9.प्रशास्ताकारागार का अध्यक्ष
10.प्रदेष्ट्रिकमिश्नर
11.पौरनगर का कोतवाल
12.व्यवहारिकप्रमुख न्यायाधीश
13.नायकनगर-रक्षा का अध्यक्ष
14.कर्मान्तिकउद्योगों एवं कारखानों का अध्यक्ष
15.मंत्रिपरिषदअध्यक्ष
16.दुर्गपालदुर्ग-रक्षक
17.अंतपालसीमावर्ती दुर्गों का रक्षक
18.दण्डपालसेना का सामान एकत्र करनेवाला

प्रशासनिक समिति एवं उसके कार्य

समितिकार्य
प्रथमउद्योग एवं शिल्प कार्य का निरीक्षण
द्वितीयविदेशियों की देखरेख
तृतीयजन्म-मरना का विवरण रखना
चतुर्थव्यापार एवं वाणिज्य की देखभाल
पंचमनिर्मित वस्तुओं के विक्रय का निरीक्षण
षष्ठबिक्री कर वसूल करना

सैन्य समिति एवं उनके कार्य

समिति

कार्य

प्रथमजलसेना की व्यवस्था
द्वितीययातायात एवं रसद की व्यवस्था
तृतीयपैदल सैनिकों की देख-रेख
चतुर्थअश्वारोहियों की सेना की देख-रेख
पंचमगजसेना की देख-रेख
षष्ठरथसेना की देख-रेख

मेगास्थनीज ने भारतीय समाज को सात वर्गों में विभाजित किया है –

  1. दार्शनिक
  2. किसान
  3. अहीर
  4. कारीगर
  5. सैनिक
  6. निरीक्षक
  7. सभासद
  • स्वतंत्र वेश्यावृत्ति को अपनाने वाली महिला रूपाजीवा कहलाती थी।
  • नंद वंश के विनाश करने में चन्द्रगुप्त मौर्य ने कश्मीर के राजा पर्वतक से सहायता प्राप्त की थी।
  • मौर्य शासन 137 वर्षों तक रहा।

बृहद्रथ (Brihadratha)

  • मौर्य वंश का अंतिम शासक बृहद्रथ था।
  • बृहद्रथ की हत्या इसके सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने 185 ई० पू० में कर दी और मगध पर शुंग वंश की नींव डाली।

मौर्य साम्राज्य / मौर्य वंश / मौर्य काल से संबंधित प्रश्न उत्तर : (Maurya Samrajya GK Question Answer in Hindi)

  1. चाणक्य का अन्य नाम क्या था – विष्णुगुप्त
  2. किसकी तुलना मैकियावेली के ‘प्रिंस’ से की जाती है – कौटिल्य के ‘अर्थशास्त्र’
  3. वह शासक कौन था जिसने राजसिंहासन पर बैठने के लिए अपने बड़े भाई सुसीम की हत्या की थी – अशोक
  4. सम्राट अशोक की वह पत्नी कौन थी जिसने उसको प्रभावित किया था – करूवाकी
  5. अशोक ने अपने सभी अभिलेखों में एकरूपता से किस प्राकृत का प्रयोग किया है – मागधी
  6. बिन्दुसार ने विद्रोहियों को कुचलने के लिए अशोक को कहाँ भेजा था – तक्षशिला
  7. वह व्यक्ति कौन था जिसका नाम ‘देवान पियादशी’ भी था – मौर्य सम्राट अशोक
  8. भारत का प्राचीनतम राजवंश कौन-सा था – मौर्य
  9. कौटिल्य / चाणक्य किसका प्रधनमंत्री था – चन्द्रगुप्त मौर्य
  10. कलिंग विजय के उपरांत अशोक महान ने किस धर्म को अंगीकार कर लिया था – बौद्ध
  11. चन्द्रगुप्त के शासन विस्तार में किसने मुख्य रूप से मदद की थी – चाणक्य
  12. साँची किस कला व मूर्तिकला का निरूपण करता है – बौद्ध
  13. प्राचीन भारत का वह प्रसिद्ध शासक जिसने अपने जीवन के अंतिम दिनों में जैन धर्म को अपनाया था – चन्द्रगुप्त मौर्य
  14. मौर्य साम्राज्य (maurya samrajya) की स्थापना किसने की – चन्द्रगुप्त मौर्य
  15. मौर्य साम्राज्य में प्रचलित मुद्रा का नाम क्या था – पण
  16. अशोक का उत्तराधिकारी कौन था – कुणाल
  17. मुद्राराक्षस के लेखक कौन थे – विशाखदत्त
  18. मालवा, गुजरात एवं महाराष्ट्र किस शासक ने पहली बार जीते – चन्द्रगुप्त मौर्य
  19. किसने सहिष्णुता, उदारता और करुणा के त्रिविध आधार पर राजवंश की स्थापना की – अशोक
  20. ‘अर्थशास्त्र’ का लेखक किसका समकालीन था – चन्द्रगुप्त का
  21. नंद वंश के पश्चात मगध पर किस राजवंश ने शासन किया – मौर्य
  22. मौर्य काल में शिक्षा का सर्वाधिक प्रसिद्ध केंद्र क्या था – तक्षशिला
  23. मेगास्थनीज की पुस्तक का नाम क्या है – इण्डिका
  24. किसके ग्रंथ में चन्द्रगुप्त मौर्य का विशिष्ट रूप से वर्णन हुआ है – विशाखदत्त
  25. वह कौन-सा स्रोत है जिसमें पाटलिपुत्र के प्रशासन का वर्णन उपलब्ध है – इण्डिका
  26. अशोक के शिलालेखों में प्रयुक्त भाषा कौन-सा है – प्राकृत
  27. किस मौर्य (maurya) राजा ने दक्कन की विजय प्राप्त की थी – चन्द्रगुप्त
  28. मेगास्थनीज ने भारतीय समाज को कितनी श्रेणियों में विभाजित किया – सात
  29. कौटिल्य के ‘अर्थशास्त्र’ में किस पहलू पर प्रकाश डाला गया है – राजनीतिक नीतियाँ
  30. पाटलिपुत्र को किस शासक ने सर्प्रथम अपनी राजधानी बनाई – चन्द्रगुप्त मौर्य
  31. बराबर (गया जिला) की गुफाओं का उपयोग किसने आश्रयगृह के रूप में किया – आजीविकों ने
  32. किस अभलेख से यह साबित होता है कि चन्द्रगुप्त का प्रभाव पश्चिम भारत तक फैला हुआ था – रुद्रदमन का जूनागढ़ अभिलेख
  33. केवल वह स्तंभ जिसमें अशोक ने स्वयं को मगध का सम्राट बताया है – भाब्रू स्तंभ
  34. प्रथम भारतीय साम्राज्य किसके द्वारा स्थापित किया गया – चन्द्रगुप्त मौर्य द्वारा
  35. उत्तरांचल में अशोक का एक शिलालेख कहाँ पर स्थित है – कालसी में
  36. साँची का स्तूप किसने बनवाया – अशोक
  37. अशोक के शिलालेखों को पढ़नेवाला प्रथम अंग्रेज कौन था – जेम्स प्रिंसेप
  38. कलिंग युद्ध की विजय तथा क्षत्रियों का वर्णन अशोक के किस शिलालेख में है – तेरहवाँ शिलालेख
  39. प्रसिद्ध यूनानी राजदूत मेगास्थनीज भारत में किसके दरबार में आये थे – चन्द्रगुप्त मौर्य
  40. चन्द्रगुप्त मौर्य ने सेल्यूकस को कब पराजित किया – 305 ई० पू० में
  41. कौन-सा राजा प्रायः जनता के संपर्क में रहता था – अशोक
  42. अशोक के अधिकांश अभिलेख किस भाषा व लिपि में हैं – प्राकृत व ब्राह्मी
  43. किस ग्रंथ में चन्द्रगुप्त मौर्य के लिए ‘वृषल’ (निम्न कुल) शब्द का प्रयोग किया गया है – मुद्राराक्षस
  44. किस राज्यादेश में अशोक के व्यक्तिगत नाम (अशोक) का उललेख मिलता है – मास्की
  45. श्रीनगर की स्थापना किस मौर्य शासक ने की – अशोक
  46. उत्तरापथ प्रान्त की राजधानी क्या थी – तक्षशिला
  47. दक्षिणापथ की राजधानी क्या थी – सुवर्णगिरि
  48. अवन्ति राष्ट्र की राजधानी क्या थी – उज्जयिनी
  49. प्राची (पूर्वी प्रदेश) की राजधानी क्या थी – पाटलिपुत्र
  50. किस ग्रंथ में शूद्रों के लिए ‘आर्य’ शब्द का प्रयोग हुआ है – अर्थशास्त्र
  51. अशोक ने अपने राज्याभिषेक के चौथे वर्ष में ‘निग्रोथ’ के प्रभाव से प्रभावित होकर किससे बौद्ध धर्म की दीक्षा ली – उपगुप्त
  52. किसने पाटलिपुत्र को ‘पोलिब्रोथा’ कहा – मेगास्थनीज
  53. मौर्य काल में ‘अग्रोनोमाई’ किसे कहा जाता था – सड़क निमाण अधिकारी
  54. मौर्य काल में गुप्तचरों को क्या कहा जाता था – गूढ़ पुरुष
  55. किस जैन ग्रंथ में चन्द्रगुप्त मौर्य के जैन धर्म अपनाने का उल्लेख मिलता है – परिशिष्टपर्वन
  56. किस महीने से मौर्यों का राजकोषीय वर्ष (fiscal year) आरंभ होता था – आषाढ़ (जुलाई)
  57. अशोक के बारे में जानने के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण स्रोत क्या है – शिलालेख
  58. अशोक के काल में कौन-सी लिपि दक्षिण भारत में प्रवर्तित हुई थी – ब्राह्मी
  59. ‘भारतीय लिखने की कला नहीं जानते’ यह किसकी उक्ति थी – मेगास्थनीज
  60. किस मौर्य सम्राट ने एक विदेशी राजा — सीरिया के एण्टियोकस प्रथम — से अंजीर, शराब और दार्शनिक को भारत भेजने का आग्रह किया था – बिन्दुसार
  61. अशोक द्वारा कलिंग पर चढ़ाई की जानकारी के लिए कौन सबसे महत्त्वपूर्ण स्रोत है – 13वाँ वृहत शिलालेख
  62. बिन्दुसार की मृत्यु के समय अशोक किस प्रान्त का गवर्नर था – उज्जैन
  63. किस शिलालेख में अशोक ने घोषणा की है कि ‘सभी मनुष्य मेरे बच्चे हैं’ – पृथक कलिंग शिलालेख
  64. कौन-सी घोषणा युद्ध और हिंसा के प्रति अशोक के आंतरिक दुःख को स्पष्ट करता है – कलिंग का पृथक शिलालेख
  65. मौर्य काल में ‘सीता’ से क्या तात्पर्य था – राजकीय भूमि से प्राप्त आय
  66. मौर्यकला का सबसे अच्छा नमूना कौन-सा है – स्तंभ
  67. अशोक ने श्रीलंका में बौद्ध धर्म का प्रचार हेतु किसे भेजा – महेन्द्र एवं संघमित्रा
  68. अशोक ने मनसेहरा (पाकिस्तान) एवं शहबाजगढ़ी (पाकिस्तान) से प्राप्त वृहत शिलालेखों में किस लिपि का प्रयोग किया गया है – खरोष्ठी
  69. कहाँ से अशोक के द्विभाषाई (ग्रीक और अरमाइक) अभिलेख प्राप्त हुए हैं – शर-ए-कुना / कंधार
  70. कौटिल्य द्वारा रचित ‘अर्थशास्त्र’ कितने अधिकरणों में विभाजित है – 15
  71. अशोक का समकालीन तुरमय कहाँ का राजा था – मिस्र
  72. चन्द्रगुप्त मौर्य का विवाह किसके साथ हुआ था – कार्नेलिया (हेलेना)
  73. चन्द्रगुप्त ने किससे जैनधर्म की दीक्षा ली थी – भद्रबाहु से
  74. चन्द्रगुप्त मौर्य की मृत्यु कहाँ पर हुई थी – श्रवणबेलगोला (कर्नाटक)
  75. बिन्दुसार को किस नाम से जाना जाता था – अमित्रघात
  76. एण्टियोकस ने बिन्दुसार के दरबार में किस राजदूत को भेजा था – डाइमेकस
  77. डाइमेकस को किसका उत्तराधिकारी माना जाता है – मेगास्थनीज
  78. किस अभिलेख में अशोक का नाम अशोक मिलता है – मास्की एवं गुर्जरा अभिलेख
  79. फिलाडेल्फस (टॉलमी द्वितीय) ने अशोक के दरबार में किस राजदूत को भेजा था – डियानीसियस
  80. अशोक की माता का नाम क्या था – सुभद्रांगी
  81. भारत में शिलालेख का प्रचलन सर्प्रथम किसने किया – अशोक
  82. अशोक का सबसे छोटा स्तम्भ-लेख कौन-सा था – रूम्मिदेई
  83. नंद वंश के विनाश करने में चन्द्रगुप्त मौर्य ने किस किस राजा से सहायता प्राप्त की थी – कश्मीर के राजा प्रवर्तक से
  84. मौर्य वंश का अंतिम शासक कौन था – बृहद्रथ
  85. बृहद्रथ की हत्या किसने की थी – पुष्यमित्र शुंग ने

प्राचीन भारतीय इतिहास नोट्स :

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Himanshu Kumar
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Hellow friends, welcome to my blog NewFeatureBlog. I am Himanshu Kumar, a part time blogger from Bihar, India. Here at NewFeatureBlog I write about Blogging, Social media, WordPress and Making Money Online etc.

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