मुहम्मद गौरी का भारत पर आक्रमण : Muhammad Ghori History in hindi

Muhammad Ghori history in hindi : शिहाबुद्दीन उर्फ मुईजुद्दीन गौरी (Muhammad Gauri) ने 12 वीं सदी में भारत पर आक्रमण किया। महमूद गजनवी का भारत से लूट पाट करके वापस चले जाने के बाद मुहम्मद गौरी ने भारत में तुर्की साम्राज्य की स्थापना की।

मुहम्मद गौरी हमेशा अपने बड़े भाई गियासुद्दीन का सम्मान किया और एक स्वतंत्र शासक होते हुए भी स्वयं को उसके अधीन माना।

1203 ई० में गियासुद्दीन की मृत्यु के पश्चात मुहम्मद गौरी ने एक स्वतंत्र शासक के रूप में मुइज्जुद्दीन की उपाधि धारण की तथा गौर (आधुनिक अफ़ग़ानिस्तान) को राजधानी बनाया। गौर महमूद गजनवी के अधीन एक छोटा-सा राज्य था।

मुहम्मद बिन कासिम के बाद महमूद गजनवी तथा उसके बाद मुहम्मद गौरी ने भारत पर आक्रमण किया तथा कत्लेआम कर लूटपाट मचाई। भारत में तुर्क साम्राज्य का स्थापना का श्रेय मुहम्मद गौरी को दिया जाता है।

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पिछले पोस्ट में भारत पर तुर्की (महमूद गजनवी) के आक्रमण के इतिहास के बारे में बताया था। इस पोस्ट मुहम्मद गौरी (Muhammad Ghori) का भारत पर आक्रमण के बारे में जानेंगे।

मुहम्मद गौरी का इतिहास : Muhammad Ghori history in hindi

पूरा नामशिहाबुद्दीन मुहम्मद गौरी
अन्य नाममुइजुद्दीन मुहम्मद बिन साम गोरे
जन्म1149 ई०, ग़ोर (आधुनिक अफ़ग़ानिस्तान)
मृत्यु15 मार्च 1206 ई०, दमयक, झेलम जिला (आधुनिक पाकिस्तान)
भाईग्यासुद्दीन मुहम्मद गौरी

मुहम्मद गौरी का जीवन परिचय : Muhammad Ghori Biography in hindi

  • मुहम्मद गौरी गजनी तथा हेरात के मध्य स्थित एक छोटे से पहाड़ी क्षेत्र गजनी का शासक था। 
  • मुहम्मद गौरी शंसबनी वंश का था।
  • मुहम्मद गौरी का पूरा नाम शिहाबुद्दीन मुहम्मद गौरी था।
  • ग्यासुद्दीन मुहम्मद गौरी इसका बड़ा भाई था।

12 वीं शताब्दी के मध्य में गौर वंश का उदय हुआ। गौर वंश की नींव गौरी के चाचा अला-उद-दीन जहांसोज ने रखी थी। जहांसोज की मृत्यु के पश्चात उसका पुत्र सैफ-उद-दीन गौरी सिंहासन पर बैठा।

अला-उद-दीन जहांसोज ने शिहाबुद्दीन मुहम्मद गौरी और उसके भाई गियासउद्दीन को कई सालों तक कैद कर रखा था, लेकिन सैफ-उद-दीन ने अपने शासनकाल में इन दोनों को आजाद कर दिया था।

सैफ-उद-दीन की मृत्यु के बाद गयासुद्दीन मुहम्मद गौरी को शासक बनाया गया। ग्यासुद्दीन मुहम्मद गौरी ने 1163 ई० में गौर को राजधानी बनाकर स्वतंत्र राज्य स्थापित किया।

गौर साम्राज्य का आधार उत्तर-पश्चिम अफगानिस्तान था। प्रारंभ में गौर गजनी के अधीन था।

1173 ई० में ग्यासुद्दीन ने अपने छोटे भाई मुहम्मद गौरी को गौर का क्षेत्र सौंप तथा स्वयं गजनी पर अधिकार कर ख़्वारिज्म के विरुद्ध संघर्ष शुरू कर दिया।

मुहम्मद गौरी ने भारत की ओर प्रस्थान कर दिया। मुहम्मद गौरी एक अफगान सेनापति था। यह एक महान विजेता तथा सैन्य संचालक भी था।

मुहम्मद गौरी के आक्रमण के समय भारत का नक्शा (Map)

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भारत पर मुहम्मद गौरी का आक्रमण : Muhammad Ghori Attack on India in hindi

मुहम्मद गौरी का भारत पर आक्रमण करने का उद्देश्य क्या था ?

मुहम्मद गौरी के आक्रमण का उद्देश्य महमूद गजनवी के आक्रमणों से अलग था। मुहम्मद गौरी का उद्देश्य भारत में लूटपाट के साथ-साथ इस्लामी साम्राज्य का विस्तार करना था। इसलिए भारत में तुर्क साम्राज्य का संस्थापक मुहम्मद गौरी को ही माना जाता है।

मुहम्मद गौरी का भारत पर पहला आक्रमण –

मुहम्मद गौरी ने भारत पर पहला आक्रमण 1175 ई० में मुल्तान पर किया। इस समय यहां पर शिया मत को मानने वाले करामाती शासन कर रहे थे। ये करामाती मुस्लिम बनने से पहले बौद्ध थे। गौरी ने मुल्तान को जीत लिया था।

मुहम्मद गौरी का भारत पर दूसरा आक्रमण –

मुहम्मद गौरी ने भारत पर दूसरा आक्रमण 1178 ई० में अन्हिलवाड़ा (आधुनिक गुजरात का पाटन) पर किया। लेकिन चालुक्य के शासक मूलराज द्वितीय / भीम द्वितीय ने उसे आबू पर्वत की तलहटी में पराजित किया। भारत में मुहम्मद गौरी की यह पहली पराजय थी।

मुहम्मद गौरी को पराजित करने वाला पहला भारतीय शासक –

मूलराज द्वितीय / भीम द्वितीय भारत का पहला शासक था जिसने मुहम्मद गौरी को पराजित किया था।

इस युद्ध का संचालन नायिका देवी ने किया था जो भीम द्वितीय की माँ थी। इस युद्ध से सबक लेते हुए गौरी ने पहले संपूर्ण पंजाब पर अपना अधिकार कर भारत पर अधिकार करने के लिए प्रयास शुरू किया।

मुहम्मद गौरी का भारत पर अन्य आक्रमण –

1179-86 ई० के बीच गौरी ने पंजाब को जीत लिया था। 1179 ई० में स्यालकोट पर अधिकार लिया।

1186 ई० तक मुहम्मद गौरी ने लाहौर, स्यालकोट तथा भटिण्डा (तबरहिन्द) को जीत लिया था।

पृथ्वीराज चौहान और महमूद गौरी के बीच तराइन का प्रथम युद्ध का कारण –

तबरहिन्द पर पृथ्वीराज चौहान तृतीय का अधिकार था। तबरहिन्द पृथ्वीराज चौहान का सीमावर्ती क्षेत्र था। गौरी ने इस पर अधिकार कर लिया जिसकी वजह से गौरी और चौहान के बीच तराइन का प्रथम युद्ध हुआ।

मुहम्मद गौरी द्वारा लड़ा गया प्रमुख युद्ध

तराइन का प्रथम युद्ध : First battle of Tarain

1191 ई० में तराइन के प्रथम युद्ध में पृथ्वीराज तृतीय ने मुहम्मद गौरी को पराजित किया।

तराइन का द्वितीय युद्ध : Second battle of Tarain

1192 ई० में तराइन का दूसरा युद्ध गौरी एवं पृथ्वीराज तृतीय के बीच हुआ जिसमें गौरी ने पृथ्वीराज तृतीय को हराकर अजमेर तथा दिल्ली तक के क्षेत्रों को जीत लिया तथा इसी के साथ चौहान साम्राज्य का नाश हुआ।

तराइन के द्वितीय युद्ध में पृथ्वीराज के सामंत तथा दिल्ली के तोमर शासक गोविन्दराज की मृत्यु हुई।

चन्दावर का युद्ध : Battle of Chandavar

चन्दावर का युद्ध 1194 ई० में मुहम्मद गौरी एवं कन्नौज के गहड़वाल वंश के शासक जयचंद के बीच हुआ जिसमें जयचंद पराजित हो गया।

मुहम्मद गौरी के गुलाम सेनापति का भारत पर शासन

1192 ई० के बाद गौरी भारत के जीते हुए प्रेदेशों पर शासन का भार अपने गुलाम सेनापतियों को सौंपते हुए गजनी लौट गया।

1194 ई० के बाद गौरी के दो सेनापति कुतुबुद्दीन ऐबक तथा बख्तियार खिलजी ने भारतीय क्षेत्रों को जितना शुरू कर दिया।

बख्तियार खिलजी ने बिहार तथा बंगाल का पश्चिमी क्षेत्र सेन शासक लक्ष्मणसेन से जीत लिया और इसी दौरान उसने नालंदा (बिहार) विश्व विद्यालय, विक्रमशिला (बंगाल) एवं ओदन्तीपुर (बंगाल) विश्व विद्यालय को नष्ट कर दिया। 

बख्तियार खिलजी को असम के माघ शासक ने पराजित किया तथा 1205 ई० में बख्तियार खिलजी के ही सैन्य अधिकारी अलिमर्दान ने मुहम्मद गौरी की हत्या 15 मार्च, 1206 ई० में कर दी।

कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1195 ई० में अन्हिलवाड़ा (गुजरात) के शासक भीम द्वितीय पर आक्रमण किया लेकिन कुतुबुद्दीन ऐबक हार गया।

कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1197 ई. में अन्हिलवाड़ा पर फिर से आक्रमण किया और उसे लूट लिया। भीम द्वितीय ने अधीनता स्वीकार नहीं की लेकिन लगातार युद्धों से उसकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी। अतः भीम की मृत्यु के बाद गुजरात में सोलंकी वंश के स्थान पर बघेल वंश की स्थापना हुई।

1203 ई० में ऐबक ने चंदेल शासक परमर्दिदेव से कालिंजर को जीत लिया था।

मुहम्मद गौरी की मृत्यु : Muhammad Gauri’s Death

1206 ई० में मुहम्मद गौरी ने पंजाब के खोखर जनजाति की विद्रोह को दबाने के लिए भारत पर अंतिम आक्रमण किया तथा इस अभियान के दौरान दमयक (पश्चिमी पाकिस्तान) के पास गौरी की हत्या कर दी गई।

गौरी ने अपनी मृत्यु से पूर्व ही अपने दासों को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था।

गौरी ने लक्ष्मी की आकृति वाले कुछ सिक्के चलाये थे।

गौरी की मृत्यु के बाद उसका साम्राज्य उसके तीन प्रमुख दासों में विभाजित हुआ

  1. कुतुबुद्दीन ऐबक – इसे भारतीय क्षेत्र मिला। ऐबक ने दिल्ली को इस्लामी साम्राज्य का केंद्र बनाया।
  2. ताजुद्दीन यल्दोज – इसे गजनी क्षेत्र मिला।
  3. नासीरुद्दीन कुबाचा – उच्च तथा सिंध (पाकिस्तान)

गोरी (Muhammad Ghori) ने इंद्रप्रस्थ में अपने विश्वास प्राप्त सहायक ‘ऐबक’ के नेतृत्व में एक सेना रख दी जिसका कार्य हिन्दू शासको से संधि करना और विद्रोह को दबाना था। अतः ऐबक का पहला मुख्यालय दिल्ली के पास इंद्रप्रस्थ ही था।

मुहम्मद गोरी के समय सांस्कृतिक उपलब्धि

  • फखरुद्दीन राजी एवं नाजमी उरुजी गोरी के दरबार में थे।
  • गोरी ने हिन्दू देवी लक्ष्मी एवं नन्दी की आकृति का सिक्के चलाया जिस पर देवनागरी लिपि में मोहम्मद बिन साम लिखा है।
  • भारत में इक्ता व्यवस्था की शुरुवात मुहम्मद गोरी ने की थी।
इक्ता व्यवस्था : Ikta Management
  • इक्ता का अर्थ है – धन के स्थान पर तनख्वाह के रूप में भूमि प्रदान करना।
  • इक्ता व्यवस्था की शुरुवात भारत से बाहर फारस (ईरान) क्षेत्र तथा पश्चिमी एशिया में हो चुकी थी।
  • भारत में मुहम्मद गौरी द्वारा कुतुबुद्दीन ऐबक को हाँसी (हरियाणा) का क्षेत्र इक्ता के रूप में दिया गया पहला इक्ता था।
  • इसके कुछ समय बाद मुहम्मद गौरी द्वारा उच्च (सिंध) का क्षेत्र इक्ता के रूप में नासीरुद्दीन कुबाचा को दिया गया।
  • लेकिन प्रशासनिक रूप से इक्ता की स्थापना इल्तुतमिश द्वारा की गई।
  • इल्तुतमिश ने इक्ता प्रणाली प्रारम्भ की।

मुहम्मद गौरी (Muhammad Ghori) से संबंधित महत्त्वपूर्ण Objective Question Answer in hindi

1. तराइन की पहली लड़ाई (1191 ई०) निम्नलिखित में से किनके बीच हुई थी ?

  1. अलाउद्दीन खिलजी और पृथ्वीराज चौहान
  2. मुहम्मद गौरी और पृथ्वीराज चौहान
  3. महमूद गजनवी और पृथ्वीराज चौहान
  4. मुहम्मदशाह और पृथ्वीराज चौहान

2. मुहम्मद गौरी विजित प्रदेशों की देखभाल के लिए निम्नलिखित में से किस विश्वसनीय जनरल को छोड़कर गया था ?

  1. नासीरुद्दीन
  2. इल्तुतमिश
  3. कुतुबुद्दीन ऐबक
  4. मलिक काफूर

3. तराइन के द्वितीय युद्ध में किसने किसको पराजित किया ?

  1. पृथ्वीराज चौहान ने मुहम्मद गौरी को
  2. महमूद गजनवी ने पृथ्वीराज चौहान को
  3. पृथ्वीराज चौहान ने महमूद गजनवी को
  4. मुहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज चौहान को

4. भारत में मुस्लिम राज्य का संस्थापक किसे माना जाता है ?

  1. मुहम्मद गौरी
  2. इल्तुतमिश
  3. अकबर
  4. बाबर

5. किसने इक्तादारी प्रथा चलाई ?

  1. फिरोज तुगलक
  2. मुहम्मद-बिन-तुगलक
  3. इल्तुतमिश
  4. गयासुद्दीन बलबन

6. निम्न में किसका आक्रमण भारत पर किया गया द्वितीय तुर्क आक्रमण था ?

  1. महमूद गजनवी
  2. मुहम्मद गौरी
  3. चंगेज खाँ
  4. तैमूर लंग

7. मुहम्मद गौरी किस वंश का था ?

  • यामिनी
  • शंसबनी
  • गुलाम
  • खिलजी

8. मुहम्मद गौरी को किस अन्य नाम से भी जाना जाता है ?

  1. शहाबुद्दीन (धर्म का ज्वलन्त नक्षत्र)
  2. मुइजुद्दीन
  3. मुहम्मद बिन साम
  4. इनमें से सभी

9. मुहम्मद गौरी ने  1175 ई० में भारत पर पहला आक्रमण किस राज्य के खिलाफ किया ?

  1. मुल्तान (करमाथी शासक)
  2. अन्हिलवाड़ा (सोलंकी शासक)
  3. पंजाब (गजनवी शासक)
  4. इनमें से कोई नहीं

10. भारत का वह पहला शासक कौन था जिसने मुहम्मद गौरी को पराजित किया ?

  1. सोलंकी शासक भीम द्वितीय
  2. चौहान शासक पृथ्वीराज चौहान
  3. गढ़वाली शासक जयचंद
  4. इनमें से कोई नहीं

11. मुहम्मद गौरी एवं पृथ्वीराज चौहान के बीच विवाद के मूल में था –

  1. भटिण्डा (ताबरहिन्द)
  2. मुल्तान
  3. उच्छ
  4. अन्हिलवाड़ा

12. मुहम्मद गौरी का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण भारतीय आक्रमण क्या था ?

  1. मुल्तान पर आक्रमण
  2. तराइन का प्रथम युद्ध
  3. तराइन का द्वितीय युद्ध
  4. भटिण्डा पर आक्रमण

13. मुहम्मद गौरी एवं कन्नौज के राजा जयचंद के मध्य 1194 ई० में हुआ युद्ध किस नाम से प्रसिद्ध है ?

  1. तराइन का प्रथम युद्ध
  2. तराइन का द्वितीय युद्ध
  3. चन्दावर का युद्ध
  4. पानीपत का प्रथम युद्ध

14. मुहम्मद गौरी का अंतिम आक्रमण किसके विरुद्ध हुआ ?

  1. करमाथी
  2. गजनवी
  3. सोलंकी
  4. पंजाब के खोखर

15. ‘तराइन का द्वितीय युद्ध ऐसा निर्णायक युद्ध समझना चाहिये जिसने भारत पर मुसलमानो की आधारभूत सफलता निश्चित कर दिया। बाद में होनेवाले आक्रमण इसके परिणाम मात्र थे’ — यह किसका कथन है ?

  1. बी० ए० स्मिथ
  2. लेनपूल
  3. ईश्वरी प्रसाद
  4. अलबरूनी

16. मुहम्मद गौरी के किस सेनापति ने बिहार विजय (1202-03), बंगाल विजय (1204-05) एवं असम पर आक्रमण (1206) किया ?

  1. कुतुबुद्दीन ऐबक
  2. इख़्तियारूद्दीन मुहम्मद बिन बख्तियार खिलजी
  3. नादिरूद्दीन कुबाचा
  4. ताजुद्दीन यल्दौज

17. भारत में मुस्लिम राज्य का संस्थापक मुहम्मद गौरी को माना जाता है परंतु भारत में स्वतंत्र मुस्लिम राज्य का संस्थापक किसे माना जाता है ?

  1. कुतुबुद्दीन ऐबक
  2. मुहम्मद गौरी
  3. इल्तुतमिश
  4. इनमें से कोई नहीं

18. नालंदा विश्वविद्यालय के विनाश का कारण है –

  1. मुसलमान
  2. कुषाण
  3. सीथियन्स
  4. मुगल

19. भारत में मुहम्मद गौरी ने किसको प्रथम इक्ता प्रदान किया था ?

  1. ताजुद्दीन यल्दौज
  2. कुतुबुद्दीन ऐबक
  3. शम्सुद्दीन इल्तुतमिश
  4. नासिरुद्दीन कुबाचा

20. किस मुस्लिम शासक के सिक्कों पर देवी लक्ष्मी की आकृति बनी है ?

  1. मुहम्मद गौरी
  2. अलाउद्दीन खिलजी
  3. अकबर
  4. इनमें से कोई नहीं

उम्मीद करता हूँ आपको यह पोस्ट (Muhammad Gauri ka itihas) अच्छी तरह से समझ में आ गया होगा।

मुहम्मद गौरी का भारत पर आक्रमण : Muhammad Ghori History in Hindi से संबंधित कोई भी सवाल हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें। इस ब्लॉग के सभी नए पोस्ट सीधे अपने ईमेल पर पाने के लिए सब्सक्राइब करें।

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Himanshu Kumar
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One comment

  1. मैंने आपकी वेबसाइट देखी। इस तरह के शानदार पोस्ट हमारे साथ साझा करने का धन्यवाद् । इस पोस्ट के बाद मुझे कही अलग जाने की जरुरत नही पड़ी |

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