नीचे की मंजिल : Niche Ki Manjil Akbar Birbal Story in HIndi – बादशाह अकबर को आकर एक दरबारी ने बताया कि बीरबल अपनी बंदियों और दसियों का ध्यान जरूरत से अधिक रखते हैं, जब देखो उनकी बड़ाई करते रहते हैं।
दरबारी की इस बात को सुनकर शहंशाह के मन में विचार आया कि क्यों न हम चलकर स्वयं इस बात की तहकीकात करें कि आखिर मामला क्या है ? इसके दूसरे दिन बादशाह अकबर अचानक ही बीरबल के घर पहुंच गए और सीढ़ियां चढ़ते हुए ऊपरी मंजिल पर पहुंच गए।
बादशाह सलामत को सहसा बीरबल के यहां देखकर एक दासी दौड़ी-दौड़ी आई। बादशाह सलामत दासी को देखकर हल्का-सा मुस्कुराए, फिर बोले, “तुम्हारी ऊपर की मंजिल तो बहुत सजी हुई है, सुंदर और हसीन भी है लेकिन जरा नीचे की भी तो देखूं कैसी है ?”
दासी बीरबल का नमक खाती थी। बीरबल के नमक का कुछ तो असर उस पर था ही। वह अगले पल ही मुस्कुरा कर बोली, “अवश्य देखें, हुजूर ! आप उसी रास्ते से तो होते हुए आए हैं, फिर भी आपको मालूम नहीं हुआ कि नीचे की मंजिल कैसी है ?”
सवाल के बदले सवाल, शहंशाह भौंचक्के रह गए। दासी का तीखा, पर सटीक जवाब शहंशाह ने सुना दो उन्हें यह समझने में देर न लगी कि बीरबल की दासियां सचमुच ही तारीफ के काबिल है। बीरबल यूंही उनकी तारीफ करते नहीं फिरते हैं। शहंशाह चुपचाप महल को लौट गए।
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