On Page SEO क्या है : What is On-Page SEO in Hindi (2024))

पिछले पोस्ट में मैंने SEO क्या है के बारे में बतलाया था। इस पोस्ट में On Page SEO क्या है (what is On Page SEO in hindi) और इसे कैसे किया जाता है के बारे में विस्तार से जानेंगे।

अपने ब्लॉग पर अधिक से अधिक traffic लाने के लिए ब्लॉग या वेबसाइट का SEO (Search Engine Optimisation) करना बहुत ही जरूरी है।

SEO मुख्यतः तीन प्रकार का होता है – On-Page SEO, Off-Page SEO और Technical SEO

इस पोस्ट में हमलोग On-Page SEO kya hai के बारे में जानेंगे। ऑन-पेज एस. ई.ओ में ब्लॉग के content को optimize किया जाता है और website के अंदर जितने भी activities करते है वो सभी ऑन-पेज एस. ई.ओ के अंतर्गत आते हैं।

what is on page seo in hindi

यदि आप अपने ब्लॉग पोस्ट को search engine के पहले पेज पर रैंक कराना चाहते है तो ब्लॉग / वेबसाइट का On-Page SEO अच्छे तरीके से करना होंगा।

यदि पोस्ट search engine के first page पर रैंक होगा तो इससे ब्लॉग की ट्रैफिक भी बढ़ेगी।

Off-Page SEO में वेबसाइट की ranking बढ़ाने के लिए बाहर से support करते है। इसके अंतर्गत Social Networking, Search Engine Submission, Forum Posting इत्यादि शामिल हैं।

आगे On-Page SEO (in hindi) के बारे में विस्तारपूर्वक जानते हैं।

On-Page SEO क्या है : What is On Page SEO in Hindi ?

On-Page SEO (जिसे On-Site SEO भी कहा जाता है) एक ऐसा process है जिसमें blog post को इस तरह optimize किया जाता है ताकि वह search engines के पहले पेज पर रैंक हो सके।

On Page SEO के अंतर्गत मुख्यतः meta title, description, heading tags, internal links, URL इत्यादि को ऑप्टिमाइज़ करना शामिल है। 

Search Engine (जैसे Google) से अपने ब्लॉग पर फ्री में organic traffic लाने के लिए blog post को बहुत ही बेहतर ढंग से लिखना होगा ताकि गूगल और यूजर दोनों को पोस्ट समझने में कोई दिक्कत नहीं आये।

Target keywords को ब्लॉग पोस्ट में सही स्थान पर रखना होगा।

On Page SEO क्यों जरूरी है ?

Google जैसे सर्च इंजन पर रोजाना लोगों के द्वारा कई तरह के विषयों के बारे में सर्च किया जाता है। यदि आपका ब्लॉग पोस्ट google के first page पर rank नहीं करता है तो ज्यादातर visitors आपके ब्लॉग तक नहीं पहुंच पाएंगे और इससे ब्लॉग पर traffic भी नहीं आएगी।

अगर अपने ब्लॉग पोस्ट को गूगल पर रैंक करानी है तो आपको SEO Techniques को अच्छे तरह से समझना होगा और उसको ब्लॉग / वेबसाइट पर अप्लाई करना होगा।

On Page SEO के लिए ब्लॉग या वेबसाइट पर जितने भी activity करते है, उसका पूरा control अपने हाथ में होता है।

Google जैसे search engine से ब्लॉग पर अधिक-से-अधिक ट्रैफिक हासिल करने के लिए On-Page SEO बहुत ही जरूरी है। ऑन-पेज seo के माध्यम से ही सर्च इंजन को हम बता सकते है कि हमारे ब्लॉग पर जो भी कंटेंट है वह किस विषय से संबंधित है।

On Page SEO Ranking Factors क्या-क्या है ?

अपने ब्लॉग पोस्ट को Google जैसे सर्च इंजन के first page पर लाने के लिए अपने ब्लॉग के अंदर बहुत सारी चीजें करनी पड़ती है।

इसके लिए On-Page SEO के बहुत सारे factors पर ध्यान देने पड़ते हैं जिनमें मुख्य इस प्रकार है –

  • Meta Title
  • Headings
  • Keywords
  • Images
  • ALT text for images
  • Internal linking
  • External linking
  • Page speed
  • Mobile friendly (Responsive) site इत्यादि।

यदि आप इन सभी SEO factors को अपने ब्लॉग पर implement करते है तो सर्च इंजन में ब्लॉग की रैंकिंग boost होगी जिससे कि ब्लॉग पर ट्रैफिक भी अधिक संख्या में आएगी।

On Page SEO कैसे करें ? (On-Page SEO Technique in Hindi)

On-Page SEO में तीन चीजें करनी पड़ती है –

1. Keyword Research : अपने ब्लॉग पोस्ट के लिए best keywords को ढूँढना पड़ता है। कीवर्ड्स को ढूंढने के लिए आप निम्न टूल का उपयोग कर सकते हैं –

  • Google Keyword Planner
  • SEMrush
  • Ahref
  • Ubersuggest इत्यादि।

2. Content Creation : कीवर्ड रिसर्च के बाद high-quality ब्लॉग पोस्ट को लिखना होता है जिसमें कीवर्ड भी शामिल होते हैं।

3. Keyword Optimization : पोस्ट लिखने के बाद target keywords को सही स्थान पर जैसे कि title, heading, URL, meta description, ALT tags में डालना होता है।

On Page SEO Technique in Hindi

On-Page SEO के मुख्य technique निम्नलिखित हैं –

1. Blog Post के Titles को Optimize करें :

Search engine के SERP (Search Engine Result Page) में पोस्ट का title show होता है। मेटा टाइटल On-Page SEO का सबसे महत्त्वपूर्ण factors है क्योंकि title जितना अधिक आकर्षक और ऑप्टिमाइज़ होगा, उस पर उतना अधिक से अधिक लोग क्लिक करेंगे। अधिक क्लिक से पोस्ट की रैंकिंग भी बढ़ेगी।

Target Keyword या Keyword Phrase को title (H1) tag के शुरुवात में ही इस्तेमाल करने की कोशिश करनी चाहिए, परंतु यदि शुरुवात में संभव न हो तो कीवर्ड को title के कम से कम दूरी पर रखें।

लेकिन टारगेट कीवर्ड को title के last में कभी नहीं रखे। टाइटल की लंबाई 65 characters के भीतर रखें।

Title tag में एक ही keyword को एक से अधिक बार इस्तेमाल न करें। इससे ranking decrease हो सकती है।

Titles को अधिक effective बनाने के लिए उसमें numbers और power words (जैसे कि Important, best, top, ultimate guide, amazing etc.) का इस्तेमाल करें। उदाहरण –

  • 10 Best WordPress Plugin for Beginners
  • On Page SEO Complete Guide 2022

2. Meta Description :

Meta description सर्च इंजन के SERP में title और URL के नीचे show होता है। प्रत्येक ब्लॉग पोस्ट में unique और उस पोस्ट से related मेटा डिस्क्रिप्शन को add करना चाहिए।

Target keywords को meta description में इस्तेमाल करना चाहिए और डिस्क्रिप्शन को 158 character के भीतर इस तरह से लिखना चाहिए ताकि यूजर जब SERP में इसे पढ़े तो टाइटल पर क्लिक करके पोस्ट को open जरूर करें।

post title meta description and url in SERP

3. Heading Tags :

Heading tags का इस्तेमाल विभिन्न headings, sub-headings और महत्त्वपूर्ण बिंदु को highlight करने के लिए करते है।

WordPress में title tag H1 पर सेट होता है इसलिए टाइटल के बाद पूरे आर्टिकल में कहीं पर भी H1 tags का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं है।

Article को छोटे-छोटे हिस्सों में break करने के लिए sub-headings में h2 और h3 tags का इस्तेमाल करें। h2 और h3 में target keywords और related keywords (LSI Keywords) का इस्तेमाल करें।

अधिक संख्या में  h2 और h3 का इस्तेमाल न करें। Heading को सही structure में रखें जैसे कि H1 (title) के अंतर H2, H2 के अंतर H3 और H3 के अंतर H4 इत्यादि का इस्तेमाल करें।

4. Post Permalink (URL) Structure

आपके वेबसाइट का URLs, इस तरह का होना चाहिए कि URL देखते ही लोगों को समझ में आ जाना चाहिए कि उन सभी पेजों पर किस तरह का content होगा।

इसलिए URLs में आपको टारगेट कीवर्ड्स को इस्तेमाल करना चाहिए। Target keywords को URL के शुरुवात की तरफ रखने की कोशिश करें और इसे छोटा रखने की कोशिश करें।

URLs में special character, symbol, brackets, commas, plus, colon, question mark इत्यादि का उपयोग नहीं करना चाहिए।

Example of Unoptimised URL :

https://www.newfeatureblog.com/p=402

Example of Optimised URL :

https://www.newfeatureblog.com/seo-kya-hai/

5. Main Keyword को First और Last Paragraph में इस्तेमाल करें :

यदि आप अपने ब्लॉग पोस्ट को गूगल में पहले स्थान पर रैंक कराना चाहते है तो keywords को सही स्थान पर इस्तेमाल करना बहुत महत्त्वपूर्ण है।

पोस्ट लिखते समय main keyword को एक बार पहले paragraph में इस्तेमाल करें और फिर से last paragraph में इस्तेमाल करें।

6. Image Optimization :

Google या अन्य सर्च इंजन में image searches से यदि आप अपने ब्लॉग पर ट्रैफिक पाने चाहते है तो image को ऑप्टिमाइज़ करना बहुत ही जरूरी है।

Image title और alt text में keywords का इस्तेमाल करके आप अपने पोस्ट को अधिक targeted और focused बना सकते हैं।

Image को अपलोड करने से पहले उसका एक अर्थपूर्ण नाम दे। जैसे कि यदि image एलोवेरा जूस से संबंधित है तो image का नाम “alovera juice benefits.jpg.” दे सकते हैं।

इमेज को rename करने के बाद, ब्लॉग पोस्ट या पेज में image को add करें और फिर उसमें alt text add करें। Alt text add करने से सर्च इंजन को यह समझने में मदद मिलेगी की image किस बारे में है।

Image का size कम रखें क्योंकि large images आपके साइट को slow कर देती है। इसके वजह से गूगल सर्च इंजन में आपके साइट की रैंकिंग decrease हो जाएगी।

compress now साइट पर images को कंप्रेस करके उसके साइज को कम कर सकते हैं।

7. Internal Linking :

अपने वेबसाइट / ब्लॉग के किसी पोस्ट में अपने ही ब्लॉग का किसी अन्य पोस्ट का link डालना Internal Linking कहलाता है।

यदि आप किसी टॉपिक पर ब्लॉग पोस्ट लिख रहे हैं तो उस टॉपिक से संबंधित अन्य पोस्ट ब्लॉग पर यदि पहले से मौजूद है तो उसका लिंक जरूर add करें। 

अपने ब्लॉग पोस्ट में internal linking से आपके ब्लॉग पोस्ट को पढ़ने वाला यूज़र्स अधिक समय तक वेबसाइट पर रहेंगे। क्योंकि पोस्ट में मौजूद other link पर भी क्लिक करके वे उस पोस्ट को पढ़ेंगे। इससे आपके वेबसाइट के अन्य पेजों पर भी page rank pass होगा।

Interlinking करते समय कोशिश करें कि कीवर्ड को anchor text के रूप में इस्तेमाल करें लेकिन ध्यान रहे कि अधिक मात्रा में इस्तेमाल न करें।

Internal links जो कि original post से संबंधित होता है, सर्च इंजन को यह बताता है कि आप अपने पोस्ट में अतिरिक्त जानकारी दे रहे हैं।

Anchor text और internal link का combination, एक पेज से दूसरे पेज पर link juice pass करने में मदद करता है।

आप wikipedia पर internal linking को देख सकते हैं।

internal linking example in wikipedia

8. External Linking :

यदि आप अपने ब्लॉग पोस्ट में किसी दूसरे ब्लॉग / वेबसाइट का लिंक जोड़ते है तो उस link को external link कहते हैं।

अपने पोस्ट में external link डालते समय इस बात का ध्यान रखें कि लिंक को खोलने पर आपके ब्लॉग पोस्ट से संबंधित जानकारी उस पर होनी चाहिए। इसलिए अपने पोस्ट से संबंधित external link को ही add करें।

External linking करते समय केवल उसी external websites को जोड़े जिस पर आपको विश्वास हो।

यदि आपको external website के authority या popularity के बारे में उतना पता नहीं है तो उस वेबसाइट के लिंक में ‘nofollow tag‘ का इस्तेमाल कर सकते है जिससे कि किसी bad sites में लिंक जूस pass न हो।

जिस वेबसाइट पर आपको पूरा विश्वास है उसमें dofollow link का इस्तेमाल करनी चाहिए और जिस पर कम विश्वास है उसमें nofollow links का इस्तेमाल करें। विकिपीडिया जैसे साइट पर आप पूरा भरोसा कर सकते हैं।

9. Mobile Friendly Websites :

गूगल में लगभग 60 % searches mobile devices से आते हैं। इसका मतलब यदि आपका वेबसाइट mobile friendly नहीं है तो आप बहुत सारे ट्रैफिक को खो रहे हैं।

Mobile friendly नहीं होने की वजह से आपको वेबसाइट की रैंकिंग नीचे गिर सकती है।

Google page speed tool में आप अपने वेबसाइट के होमपेज या कोई भी इंटरनल पेज के mobile friendliness को चेक कर सकते हैं।

10. High Quality और Unique Contents लिखें :

High quality content सबसे महत्त्वपूर्ण on-page optimization technique है। अपने ब्लॉग पर पोस्ट लिखते समय किसी भी दूसरे popular website और ब्लॉग से contents को copy नहीं करना चाहिए।

यदि आप किसी दूसरे के कंटेंट को कॉपी करते है तो इसके लिए आपके ब्लॉग / वेबसाइट को गूगल के द्वारा penalize किया जा सकता है।

11. XML Sitemap :

XML sitempa में आपके साइट का सभी पेज होता है और यह search engine crawlers को आसानी पूर्वक साइट को crawl करने में मदद करता है।

On Page SEO और Off Page SEO में क्या अंतर है ?

ब्लॉगिंग में सफलता पाने के लिए on-page SEO तथा off-page SEO दोनों ही बहुत जरूरी है।

सर्च इंजन किसी भी वेबसाइट को मूल्यांकन करने के लिए मुख्यतः दो चीजों को ध्यान में रखती है –

1. On-Page SEO : इससे सर्च इंजन को आपके वेबसाइट के बारे में यह पता चलता है कि साइट पर किस तरह की जानकारी दी जाती है।

2. Off-Page SEO : इससे यह पता चलता है कि आपका वेबसाइट कितना अधिक प्रसिद्ध है।

On-Page SEO में अपने वेबसाइट के HTML parts को ऑप्टिमाइज़ करते है जो कि पूरी तरह हमारे नियंत्रण में होता है जबकि Off-Page SEO उन ranking factors पर focus करता है जो कि वेबसाइट के बाहर occur होता है। जैसे कि backlinks.

आसान भाषा में कहे तो, आप कितना रैंक करना चाहते है, यह अधिकतर on-page factors द्वारा निर्धारित किया जाता है, जबकि search engine में आप कितना अधिक रैंक करना चाहते है, इसके लिए काफी हद तक off-site factors से निर्धारित होता है।

On-Page SEO और Off-Page SEO के बीच तुलना

On-Page SEOOff-Page SEO
Title TagBacklinks
Meta DescriptionBrand Mentions
Permalink (URL)Social Share
Headings (H1 to H6 tag)Domain Authority
Alt TextPage Authority 
Post Content
Internal Linking
External Linking
Page Speed
Mobile Experience

On-Page SEO में User-Friendly Website क्यों महत्त्वपूर्ण है ?

On-Page SEO factors में आपके वेबसाइट की front end (content) और backend (HTML Code) दोनों शामिल होते हैं।

गूगल का algorithm हमारे वेबसाइट की गुणवत्त्ता और user-friendliness को track करती है। इसके लिए गूगल का bot crawler backend के साथ interact करती है और यह भी देखती है कि एक real human front end के साथ किस तरह से interact करता है।

आप अपने वेबसाइट में सभी चीजों को नियंत्रण कर सकते है परंतु कोई भी visitors आपके साइट पर कितना देर तक रहेगा, यह आप नियंत्रण नहीं कर सकते हैं। इसके लिए वेबसाइट का user-friendly होना बहुत ही जरूरी है।

यदि आपके साइट के front end का content उतना अधिक user-friendly और relevant नहीं होगा तो अधिकतर लोग किसी और वेबसाइट पर चले जाएंगे।

  • User-friendly website का मतलब है कि यदि कोई vistitors आपके साइट के किसी पोस्ट पर visit करता है तो उन्हें उस पोस्ट के विषय के बारे में पूर्णतः समझ में आनी चाहिए।
  • Users आपके वेबसाइट पर मौजूद जानकारी को आसानी से पढ़ सके। इसके लिए ब्लॉग पोस्ट के content को छोटे-छोटे paragraph में लिखें, इसमें bullet, numbering, bold, italic इत्यादि का इस्तेमाल करें।
  • वेबसाइट में navigation का आसनापूर्वक इस्तेमाल किया जा सके।
  • मोबाइल डिवाइस पर आपके वेबसाइट का पेज अच्छी तरह से खुलनी चाहिए।
  • Visitors जब आपका ब्लॉग पोस्ट पढ़े तो उन्हें उस जानकारी से पूरी तरह संतुष्टि मिलनी चाहिए।

On-Page SEO के Ranking Factors 2022

  • URLs से सभी stop words को हटा दें।
  • Image को upload करने से पहले ऑप्टिमाइज़ करें।
  • पेज के loading speed को ऑप्टिमाइज़ करें।
  • 65 characters से कम का मेटा टाइटल बनाएं।
  • 158 characters से कम का मेटा डिस्क्रिप्शन बनाएं।
  • Internal linking
  • Outbound linking / External linking
  • FAQ Schema का इस्तेमाल करें।
  • पोस्ट के अंत में social sharing buttons जरूर होनी चाहिए।
On-Page SEO क्या है ?

On-Page SEO एक ऐसा process है जिसमें blog post को इस तरह optimize किया जाता है ताकि वह search engines के पहले पेज पर रैंक हो सके। website के अंदर जितने भी activities करते है वो सभी ऑन-पेज एस. ई.ओ के अंतर्गत आते हैं।

On-Page SEO क्यों जरूरी है ?

Google जैसे search engine से ब्लॉग पर अधिक-से-अधिक ट्रैफिक हासिल करने के लिए On-Page SEO बहुत ही जरूरी है। ऑन-पेज seo के माध्यम से ही सर्च इंजन को हम बता सकते है कि हमारे ब्लॉग पर जो भी कंटेंट है वह किस विषय से संबंधित है।

उम्मीद करता हूँ कि आपको यह पोस्ट (On Page SEO kya hai) अच्छी तरह से समझ में आ गया होगा। इसी तरह का पोस्ट सीधे अपने ईमेल पर पाते रहने के लिए इस ब्लॉग को सब्सक्राइब करें।

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Himanshu Kumar
Himanshu Kumar

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