SEO क्या है और कैसे करते हैं : What is SEO in Hindi

SEO क्या है और कैसे करते हैं : What is SEO in Hindi – अगर आप एक ब्लॉगर है तो जरूर चाहते होंगे कि आपका ब्लॉग पोस्ट search engine में first position पर आये जिससे कि अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पोस्ट को पढ़े और ब्लॉग पर बहुत सारी ट्रैफिक आये, ताकि आपकी कमाई में भी बढ़ोतरी हो।

परंतु आपके ब्लॉग पर अधिक से अधिक ट्रैफिक आएगा कहाँ से ?

तो इसका सीधा सा जबाव है सर्च इंजन से क्योंकि लगभग 90 % लोग किसी भी चीज को internet पर ढूंढने के लिए सर्च इंजन का ही इस्तेमाल करते हैं और सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला सर्च इंजन Google है।

what is seo in hindi

मान लीजिये कि आपने अपने ब्लॉग पर किसी एक पोस्ट को पब्लिश किया जिसका title है – एलोवेरा जूस के फायदे और नुकसान।

किसी यूजर ने गूगल पर इसी टाइटल को लिखकर search किया और रिजल्ट वाले पेज पर आपके ब्लॉग का इसी पोस्ट का लिंक सबसे top पर आ जाती है तो जाहिर सी बात है कि वे आपके ब्लॉग पोस्ट के लिंक पर क्लिक करेंगे जिससे आपके ब्लॉग या वेबसाइट की ट्रैफिक बढ़ जाएगी।

बिना SEO के आपका पोस्ट Search Engine Result Page (SERP) पर पहले स्थान पर नहीं आएगी जिससे कि यूजर आपको पोस्ट पर क्लिक नहीं करेंगे।

आपके मन में सवाल होगा कि आखिर पोस्ट SERP में पहले स्थान पर rank करेगा कैसे ?

इसके लिए दो तरीके हैं –

  • Search Engine Marketing (SEM)
  • Search Engine Optimization (SEO)

SEM का मतलब paid marketing होता है जिसमें  गूगल को पैसे देकर advertisement कर सकते है। SEM के जरिये हमारे ब्लॉग पर जो भी ट्रैफिक आती है, उसे Inorganic Traffic कहते हैं।

SEO एक ऐसा तरीका है जिससे हम गूगल को बिना पैसे दिए अपने ब्लॉग पर Organic Traffic ला सकते है।

SEO और SEM में क्या अंतर है ?

बहुत लोग SEO (Search Engine Optimization) और SEM (Search Engine Marketing) दोनों को एक ही समझ लेते है परंतु दोनों में काफी अंतर होता है।

SEO के द्वारा अपने वेबसाइट और उस पर मौजूद content को बिना पैसा खर्च किये optimize किया जाता है। इसमें organic तरीके से visitors आपके साइट पर आती है। 

जबकि SEM में वेबसाइट पर ट्रैफिक लाने के लिए पैसे खर्च करने पड़ते हैं। SEM के द्वारा वेबसाइट पर जो भी ट्रैफिक आता है उसमें organic और paid दोनों तरीके का ट्रैफिक होता है। 

SI. No.SEO (Search Engine Optimization)SEM (Search Engine Marketing)
1.अपने वेबसाइट के position को सर्च इंजन में increase करने का यह एक तरीका है।अपने वेबसाइट को SEO और advertising के द्वारा promote करने का यह एक online marketing technique है।
2.SEO को SEM का एक ही भाग माना जाता है।सर्च इंजन से लाभ प्राप्त करने के लिए SEM एक तरह की मार्केटिंग है।
3.इसमें अपने वेबसाइट को organic तरीके से promote की जाती है।इसमें organic और paid दोनों तरीके शामिल होते हैं।

इस पोस्ट में हम सिर्फ SEO के बारे में जानेंगे। चलिए आगे विस्तारपूर्वक जानते है कि SEO क्या है ?

SEO क्या है – What is SEO in Hindi ?

SEO का full form “Search Engine Optimization” होता है। यह एक ऐसी विधि है जिससे हम अपने ब्लॉग या वेबसाइट के content को optimize करके किसी keyword के लिए सर्च इंजन में पहले स्थान पर रैंक कर सकते है जिससे हमे अधिक से अधिक visitors मिलेंगे।

SERP क्या है ?

SERP का फुल फॉर्म “Search Engine Result Page” होता है। जब हम सर्च इंजन (जैसे – गूगल) में किसी keyword को लिखकर सर्च करते है तो results में एक page खुलता है जिसमें उस कीवर्ड से संबंधित पोस्ट का link एक list के रूप में होता है। अतः सर्च इंजन में सर्च करने पर जो पेज खुलती है, उसे SERP कहते हैं।

SERP पर दो तरह की listing होती है –

Inorganic Listing : यह एक paid listing होती है जिसके लिए google को pay करना पड़ता है।

Organic Listing : इसमे हम बिना पैसे खर्च किये search engine के result page पर आते हैं लेकिन इसके लिए SEO करना पड़ता है।

एक ब्लॉग या वेबसाइट को Google के SERP (Search Engine Result Page) में पहले position पर लाने के लिए बहुत सारी चीजों का ख्याल रखना पड़ता है और बहुत मेहनत करनी पड़ती है।

Google में Post को First Page पर Rank करना क्यों जरूरी है ?

अधिकतर यूजर गूगल में पहले पेज पर आने वाले वेबसाइट पर ही जाना पसंद करते हैं। यदि आपके वेबसाइट का पोस्ट गूगल में दूसरे पेज पर रैंक करता है तो यूजर पहले पेज को छोड़कर दूसरे पेज पर क्यों जाएगा।

एक research के अनुसार लगभग 95 % क्लिक गूगल के first page पर आने वाले post पर ही आते हैं।

इसलिए सभी ब्लॉगर अपने वेबसाइट के पोस्ट को SERP में पहले पेज पर लाने की कोशिश करते हैं ताकि वह अपने competitor से आगे निकल सके।  

SEO ब्लॉग या वेबसाइट के लिए क्यों जरूरी है ?

रोजाना इंटरनेट पर लाखों की संख्या में ब्लॉग पोस्ट पब्लिश किये जाते हैं, परंतु उनमे से केवल कुछ ही पोस्ट सर्च इंजन SERP (Search Engine Result Page) में पहले स्थान (top) पर रैंक कर पाते हैं।

किसी भी पोस्ट की रैंकिंग से पहले गूगल जैसे सर्च इंजन का algorithm बहुत सारी चीजों को जांच करती है और उसके बाद ही यह फैसला लेती है कि कौन-सा पोस्ट किस keyword पर रैंक करेगा और किस position पर आएगा।

गूगल हमेशा quality content को ही first page पर दिखाने की कोशिश करता है, इसके लिए बहुत सारे ranking factors है।

गूगल अपना अच्छा रिजल्ट देने के लिए लगभग 200 factor का इस्तेमाल करता है। जो आर्टिकल या पोस्ट google के इन मापदंडो के अनुसार होता है, वह गूगल के प्रथम स्थान पर रैंक करता है।

SEO के द्वारा हम इन मापदंडो के नियम को पालन कर पाते है।

what is seo in hindi search result page

आप गूगल में “what is SEO in hindi” लिखकर सर्च करें। आप देख सकते है मैंने जब सर्च किया तो इस कीवर्ड से संबंधित जानकारी 8,30,00,000 पेज पर पहले से मौजूद है।

अगर इस SEO टॉपिक पर पोस्ट लिखना चाहते है और इसे सर्च इंजन में पहले स्थान पर लाना चाहते है तो इसके लिये आपको एस.ई.ओ की जानकारी होना बहुत जरूरी है क्योंकि 8,30,00,000 पेज को पीछे छोड़ कर टॉप में आना बिना SEO के असंभव है।

आप ऐसे keyword पर पोस्ट लिखकर सर्च इंजन में टॉप पर आ सकते हैं जिस पर कि कोई competition न हो परंतु यदि आपका पोस्ट SEO optimized नहीं है तो बाद में  कोई और इसी टॉपिक पर पोस्ट लिखकर आपसे आगे निकल जाएगा।

इसलिए SEO kya hai ? (What is SEO in hindi), के बारे में जानकारी होना बहुत ही जरूरी है।

SEO कैसे काम करता है ?

SEO काम कैसे करता है, को समझने के लिए आपको search engine को समझना होगा कि वह किस प्रकार के content को SERP (Search Engine Result Page) में पहले स्थान पर दिखाता है ?

Google और अन्य search engine की हमेशा यही कोशिश रहती है कि वह अपने यूज़र्स को सही और सटीक जानकारी प्रदान करे।

इसके लिए सर्च इंजन का bots और spider हमारे पेज को खोजकर उसे scan करता है, जिसे Crawling कहते हैं और फिर उसके बाद पेज के content और quality के आधार पर उस पेज को सर्च इंजन में Index किया जाता है।

पेज के Indexing के बाद सर्च इंजन अपने मापदंडो  के अनुसार search results में पेज की position तय करता है, जिसे Ranking कहते हैं।

अतः अब आप यह समझ गए होंगे कि Search Engine kya hai और यह किस तरह से काम करता है ?

SEO के प्रकार (Types of SEO in hindi)

SEO (Search Engine Optimization) मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं –

  1. On-Page SEO
  2. Off-Page SEO
  3. Technical SEO

1.On-Page SEO क्या है ?

On-Page SEO के अंतर्गत वेबसाइट / ब्लॉग के content यानि कि post को optimize किया जाता है।

ब्लॉग पोस्ट को ऑप्टिमाइज़ करने के लिए मुख्यतः तीन कार्य करने होते हैं – keyword research, content create और keyword optimization करना।

Keyword Research

ब्लॉग या वेबसाइट पर किसी भी आर्टिकल या पोस्ट को लिखने से पहले, उस पोस्ट से संबंधित ऐसे keywords को ढूंढने होते हैं जो कि गूगल पर सबसे अधिक बार सर्च किये जाते हैं।

ऐसे keywords को ढूंढना बहुत जरूरी होता है। बिना keyword research किये ब्लॉग पोस्ट को यदि आप लिखते है तो उसके rank होने की उम्मीद बहुत कम होती है।

keyword research करने के लिए बहुत सारे tools इंटरनेट पर मौजूद हैं जिनका उपयोग आप कर सकते हैं जैसे कि –

  • Google Keyword Planner
  • SEMrush
  • Ahref
  • Ubersuggest etc.

इन tools की सहायता से आप किसी भी कीवर्ड की traffic और उसके competition को चेक कर सकते हैं।

Content Create

आपके पोस्ट से संबंधित सारे target keywords के मिलने के बाद content create करना मतलब कि पोस्ट लिखना होता है। पोस्ट लिखते समय यह ध्यान देना बहुत जरूरी है कि इसे एकदम आसान और सटीक तरीके से लिखें। फालतू की इधर-उधर की बातें न लिखें।

पोस्ट की quality (गुणवत्ता) पर ध्यान दे और उसमें सिर्फ वही चीजे लिखें जो कि audience पढ़ना चाहती है। आपका content कम-से-कम 800 words (शब्द) से अधिक तो होना ही चाहिए।

Content Create करते समय On-Page SEO के मुख्यतः निम्न factors पर ध्यान देते हैं –

  1. Post title
  2. Headings
  3. Keyword Density
  4. Permalink
  5. Meta Description
  6. Image Optimization
  7. Internal Linking
  8. External Linking etc.

Keyword Optimization

इस स्टेप में target keywords को अपने पोस्ट में सही स्थान पर डालना होता है ताकि पोस्ट उन कीवर्ड्स के लिए ऑप्टीमाइज़्ड हो जाए। Title, heading, tags, URL में सही तरीके से keyword डालकर optimization करना होता है।

On-Page SEO कैसे करें ?

1. Post Title : अपने पोस्ट के title के शुरुवात में target keywords का इस्तेमाल करें। टाइटल की लंबाई 65 से 70 characters तक रखें। क्योंकि इससे अधिक होने के बाद गूगल सर्च में title tag नहीं दिखाता है।

Title को इस तरह से लिखें ताकि कोई भी visitors उसे पढ़ने के बाद तुरंत उस पर क्लिक कर दे। इससे SERP में आपका CTR increase होगा।

2. Headings : heading के 6 tags होते हैं – h1, h2, h3, h4, h5 और h6. पोस्ट का title H1 होता है और इसके बाद sub headings h2, h3, h4 इत्यादि का इस्तेमाल पोस्ट में जरूरत के अनुसार करते हैं।

H1 में Primary (target) Keywords का इस्तेमाल करने के बाद H2 और h3 tags में related keywords (LSI Keywords) और target keywords का इस्तेमाल करें।

3. Keyword Density : Keyword की density 2.5 % से अधिक न हो। जैसे कि अगर आपका पोस्ट 1000 शब्दों का है तो इसमें 25 बार keywords का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन इसकी density 1.5 % से 2.5 % के बीच ही रखना ठीक होगा।

यदि आप एक पोस्ट में जरूरत से ज्यादा keyword का इस्तेमाल करते हैं तो इसे Keyword Stuffing कहा जाता है। इससे आपकी पोस्ट की रैंकिंग नीचे गिर जाएगी। इसलिए पोस्ट में एक natural तरीके से कीवर्ड का इस्तेमाल करें, जबरदस्ती इसमें डालने की कोशिश न करें।

Target Keywords को अपने पोस्ट के शुरुवात में 100 शब्दों के अंदर इस्तेमाल करें और पोस्ट के अंतिम में 100 शब्दो के अंदर करें।

4. Permalink (URLs) : Post URLs इस तरह का होना चाहिए कि लोग उसको देखकर समझ जाए कि  इस पेज पर किस प्रकार का कंटेंट होगा।

यू.आर.एल में target keywords को रखना है। हमेशा यह कोशिश करे कि टारगेट कीवर्ड्स यू.आर.एल के शुरुवात में हो। URL को simle और short रखे।

URLs में special characters जैसे कि brackets, commas, plus, colon, semicolon, question mark, underscore इत्यादि का इस्तेमाल न करें। इसमें stop word जैसे कि am, is, are, on का प्रयोग न करें।

उदाहरण :

बिना ऑप्टिमाइज़ यू.आर.एल = newfeatureblog.com/p=2134

ऑप्टिमाइज़ किया हुआ यू.आर.एल = newfeatureblog.com/seo-kya-hai

5. Meta Description : meta description में target keywords को जरूर लिखें। गूगल बहुत बार पोस्ट के मेटा डिस्क्रिप्शन को सर्च रिजल्ट में दिखाता है। इसलिए इसे आकर्षक तरीके से लिखें ताकि लोग उसको पढ़ते ही उस पोस्ट के लिंक पर क्लिक करके open जरूर करें।

6. Image Optimization : पोस्ट में image size कम रखें। Target keywords को image के नाम और alt tag में इस्तेमाल करे। ऐसा करने से images से भी कुछ traffic मिलेगी।

7. Internal Linking : अपने पोस्ट में उस पोस्ट से संबंधित दूसरे पोस्ट का भी लिंक जोड़े ताकि लोग दूसरे पोस्ट को भी पढ़े। इससे लोग आपके वेबसाइट पर अधिक समय तक रहेंगे जिससे कि लिंक किये हुए pages को google और दूसरे search engine में अच्छा रैंक मिलेगा।

8. External Linking : आप जिस टॉपिक पर भी आर्टिकल लिख रहे हैं, उससे संबंधित किसी दूसरे वेबसाइट का कम-से-कम एक लिंक अपने पोस्ट में जोड़े।

2. Off-Page SEO क्या है ?

Off-Page SEO में ऐसी technique का इस्तेमाल करते हैं जो कि हमारे वेबसाइट की रैंकिंग को बढ़ाने के लिए बाहर से सपोर्ट करता है।

Off-Page SEO में अपने वेबसाइट और पोस्ट के लिंक को इंटरनेट पर promote करना होता है जिससे कि सर्च इंजन में इसकी रैंकिंग increase हो सके।

Off-page SEO के बहुत से factor हैं जिनमें से मुख्यतः इस प्रकार हैं –

  1. Guest Posting
  2. Social Networking Sites
  3. Social Bookmarking Sites
  4. Search Engine Submission
  5. Forum Posting
  6. Blog Directory Submission
  7. Blog Commenting
  8. Article Submission Sites
  9. Question & Answer Sites
  10. Video Sharing Sites
  11. Images Submission Sites
  12. Classified Submission

Off-Page SEO कैसे करें ?

1. Social Networking Sites : Social sites जैसे कि facebook, twitter, linkedin etc. पर अपने ब्लॉग / वेबसाइट का पेज बनाये। सोशल मीडिया पर अपना प्रोफाइल बनाकर अपने वेबसाइट  का लिंक इसमें add कर दें। इससे आपके ब्लॉग का मुफ्त में promotion होगा।

2. Search Engine Submission : अपने ब्लॉग या वेबसाइट को सभी popular search engine जैसे कि Google, Bing, Yandex, Yahoo इत्यादि में submit करें।

3. Social Bookmarking Sites : अपने ब्लॉग के पेज और पोस्ट को bookmarking वाली वेबसाइट जैसे कि Indiblogger, Digg इत्यादि में सबमिट करें।

4. Blog Directory Submission : प्रसिद्ध high PR वाली directory में अपने वेबसाइट को सबमिट करें।

5. Guest Post : अपने वेबसाइट से संबंधित किसी दूसरे के ब्लॉग पर guest post करके, वहाँ से do follow backlink ले सकते हैं।

6. Blog Commenting : अपने ब्लॉग से सबंधित किसी दूसरे ब्लॉग के पोस्ट पर कमेंट कर सकते है और वहाँ अपने वेबसाइट का लिंक डाल सकते है।

7. Question & Answer Sites : Q & A वाली वेबसाइट जैसे कि quora, yahoo question इत्यादि पर जाकर अपने niche से संबंधित प्रश्न कर सकते है  और वहां अपनी साइट का लिंक जोड़ सकते हैं।

8. Forum Posting : अपने वेबसाइट से संबंधित forum को join करके वहाँ पर visitors के प्रश्न का जवाब दे सकते हैं और उसमें अपने ब्लॉग का लिंक भी जोड़ सकते हैं।

9. Classified Submission : इंटरनेट पर आपको बहुत सारे ऐसे free classified जैसे कि Olx, Quikr इत्यादि मिल जाएंगे जहां पर अपने वेबसाइट को promote कर सकते हैं।

3. Technical SEO क्या है ?

Technical SEO के अंतर्गत निम्न मुख्य factors पर ध्यान देने होते हैं –

1. Page Speed : आपके ब्लॉग या वेबसाइट की loading speed fast होनी चाहिए। मतलब कि अगर कोई भी visitors आपके वेबसाइट को खोले तो वह तुरंत खुल जाना चाहिए वरना वे आपको वेबसाइट को बंद करके किसी और साइट पर चला जाएगा।

इससे गूगल को आपके साइट के प्रति negative signal मिलेगा जिससे वेबसाइट की ranking नीचे गिर सकते है। आप अपने वेबसाइट की स्पीड Google Page Speed Insights में चेक कर सकते हैं।

अधिक plugin का इस्तेमाल न करें। W3 Total Cache या WP Super Cache Plugin का इस्तेमाल करें।

2. Mobile Friendly Website : आपका वेबसाइट मोबाइल में अच्छी तरह से show होनी चाहिए। इसके लिये साइट में responsive theme का इस्तेमाल करें।

3. HTTPs का इस्तेमाल करें : by default वेबसाइट HTTP पर चलती है जो कि सुरक्षित नहीं है। आपके वेबसाइट का लिंक https से खुलनी चाहिए। इसके लिए SSL install करना होता है।

4. Robot.txt File : यह एक प्रकार का फ़ाइल है जिसमें कुछ codes होते है। यह सर्च इंजन के bots को बताता है कि किस पेज को crawal करना है और किसे नहीं।

4. Local SEO क्या है ?

Local SEO दो शब्दों से मिलकर बना है – Local + SEO. इसमें local audience को ध्यान में रखकर एस. ई.ओ किया जाता है।

यदि इंटरनेट पर अपने वेबसाइट को सिर्फ विशेष स्थान के लिए ही target करना है तो इसके लिए local SEO का इस्तेमाल करते है।

इसके लिए आपको अपने वेबसाइट में उस शहर का नाम, वहाँ का पूरा address इत्यादि details डालकर optimize करना होगा।

Black Hat Vs White Hat Vs Gray Hat SEO

Black Hat SEO क्या है ?

जब हम अपने वेबसाइट को सर्च इंजन (गूगल) में rank कराने के लिए उसके guidelines को follow नहीं करते हैं, उसे Black Hat SEO कहते हैं। Black hat SEO technique से ब्लॉग या वेबसाइट  की रैंकिंग कम हो जाती है और हो सकता है कि search results में banned भी हो जाए।

White Hat SEO क्या है ?

जब natural तरीके से अपने वेबसाइट के लिए SEO और  link building करते हैं और search engine के guidelines को पूरी तरह से follow करते है तो उसे White Hat SEO कहते हैं।

Gray Hat SEO क्या है ?

जब Black Hat SEO और White Hat SEO दोनों का इस्तेमाल करके अपने वेबसाइट को सर्च इंजन में high rank पाने के लिए optimize करते हैं तो उसे Gray Hat SEO कहते हैं।

Gray Hat SEO technique से भी आपके ब्लॉग या वेबसाइट की रैंकिंग कम हो सकती है इसलिए इस विधि का इस्तेमाल न करें।

FAQ

SEO का full form क्या होता है ?

SEO का फुल फॉर्म “Search Engine Optimization” होता है।

SEO क्या है ?

SEO एक ऐसी विधि है जिससे हम अपने ब्लॉग या वेबसाइट के content को optimize करके किसी keyword के लिए सर्च इंजन में पहले स्थान पर रैंक कर सकते है जिससे हमे अधिक से अधिक visitors मिलेंगे।

SEO कितने प्रकार का होता है ?

SEO मुख्यतः तीन प्रकार का होता है।

On-Page SEO क्या होता है ?

On-Page SEO के अंतर्गत वेबसाइट / ब्लॉग के content यानि कि post को optimize किया जाता है।

Off-Page SEO क्या होता है ?

Off-Page SEO में ऐसी technique का इस्तेमाल करते हैं जो कि हमारे वेबसाइट की रैंकिंग को बढ़ाने के लिए बाहर से सपोर्ट करता है।

Technical SEO क्या है ?

Technical SEO के अंतर्गत ब्लॉग के page speed, mobile friendly responsive theme, site https से खुल रहा है या नहीं, robot.txt file इत्यादि पर ध्यान देना होता है।

Local SEO क्या है ?

इसमें local audience को ध्यान में रखकर एस. ई.ओ किया जाता है। यदि इंटरनेट पर अपने वेबसाइट को सिर्फ विशेष स्थान के लिए ही target करना है तो इसके लिए local SEO का इस्तेमाल करते है।

SEM का full form क्या होता है ?

SEM का full form “Search Engine Marketing” होता है।

क्या बिना SEO के गूगल पर रैंक करना संभव है ?

यदि आप किसी ऐसे विषय पर आर्टिकल लिखते हैं जो कि एकदम नया है और इंटरनेट पर उसके बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है तब आपके ब्लॉग या वेबसाइट का पोस्ट बिना SEO के भी गूगल पर रैंक करेगा।

गूगल में रैंकिंग के लिए page speed मायने रखती है ?

हाँ, page speed बहुत ही महत्त्वपूर्ण factor है गूगल में रैंकिंग के लिए। अगर आपका वेबसाइट या ब्लॉग का पेज fast open नहीं होगा तो यूज़र्स आपके साइट को बंद करके किसी दूसरे साइट पर चला जाएगा जिससे गूगल को आपके साइट के प्रति negative signal मिलेगा और इससे रैंकिंग decrease हो सकती है।

निष्कर्ष : यदि आपके पास वेबसाइट है या आप एक ब्लॉगर तो अपने ब्लॉग पर traffic लाने के लिए एस. ई.ओ (सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन) सीखना बहुत ही जरूरी है।   

उम्मीद करता हूँ कि आपको यह पोस्ट (SEO basics guide in hindi) पसंद आया होगा। इस पोस्ट में मैंने SEO क्या है (what is SEO in hindi ?) के बारे में बहुत ही अच्छे तरीके से समझाने का कोशिश किया है। फिर भी अगर Search Engine Optimization (SEO) से संबंधित आपका कोई प्रश्न हो तो नीचे comments में बताये।

अगर आपको इस पोस्ट (SEO क्या है और कैसे करते है ?) से कुछ अच्छा सीखने को मिला है तो हमारी खुशी के लिए इसे social media जैसे facebook, twitter इत्यादि पर share जरूर करें।

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Himanshu Kumar
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Hellow friends, welcome to my blog NewFeatureBlog. I am Himanshu Kumar, a part time blogger from Bihar, India. Here at NewFeatureBlog I write about Blogging, Social media, WordPress and Making Money Online etc.

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