Vedic Civilization notes in hindi : इस पोस्ट में वैदिक सभ्यता (vedic sabhyata) से संबंधित सारे महत्वपूर्ण बिंदु के बारे में जानेंगे। वैदिक काल (vedic age) को ऋग्वैदिक काल (rigvedic period) और उत्तरवैदिक काल (uttar vedic kal) में विभाजित किया गया है।
पूर्व-वैदिक या ऋग्वैदिक काल तथा उत्तर-वैदिक काल से जुड़े सारे महत्वपूर्ण तथ्य और सारे important question answer नीचे इस पोस्ट में दिया गया है। यह नोट्स आपको competitive exam की तैयारी करने में बहुत मदद करेगी।
वैदिक सभ्यता (Vedic Civilization)
- वैदिक सभ्यता के संस्थापक आर्य थे।
- आर्य सर्वप्रथम पंजाब एवं अफगानिस्तान में बसे। मैक्समूलर ने आर्यों का मूल निवास-स्थान मध्य एशिया को माना है।
- आर्यों द्वारा विकसित सभ्यता ग्रामीण सभ्यता थी।
- आर्यों की भाषा संस्कृत थी।
- वैदिक सभ्यता की जानकारी के स्रोत वेद हैं।
- आर्यों ने ऋग्वेद की रचना की।
- ऋग्वेद द्वारा जिस काल का विवरण प्राप्त होता है उसे ऋग्वैदिक काल कहा जाता है।
- ‘असतो मा सदगमय‘ ऋग्वेद से लिया गया है।
उपनिषदों की कुल संख्या है : | 108 |
महापुराणों की संख्या है : | 18 |
वेदांग की संख्या है : | 6 |
वैदिककाल का विभाजन (Division of Vedic Age)
वैदिककाल का दो भागों में विभाजन किया गया है :
- ऋग्वैदिक काल [Early Vedic Period](1500-1000 ई० पू०)
- उत्तर वैदिककाल [Later Vedic Period](1000-600 ई० पू०)
ऋग्वैदिक काल : Rigvedic Kal (Early Vedic Period)
ऋग्वैदिककालीन नदियाँ
प्राचीन नाम | आधुनिक नाम |
क्रुभ | कुर्रम |
कुभा | काबुल |
वितस्ता | झेलम |
आस्किनी | चिनाब |
गोमती | गोमल |
सुवस्तु | स्वात् |
परुषणी | रावी |
विपाशा | व्यास |
सदानीरा | गंडक |
दृसद्धती | घग्घर |
शतुद्रि | सतलज |
- ऋग्वेद में उल्लिखित सभी नदियों में सरस्वती सबसे महत्वपूर्ण तथा पवित्र मानी जाती थी।
- ऋग्वेद में गंगा का एक बार और यमुना का उल्लेख तीन बार हुआ है।
- इसमें सिन्धु नदी का उल्लेख सार्वधिक बार हुआ है।
ऋग्वैदिककालीन देवता
देवता | संबंध |
इन्द्र | युद्ध का नेता एवं वर्षा का देवता। |
अग्नि | देवता एवं मनुष्य के बीच मध्यस्थ। |
वरुण | पृथ्वी एवं सूर्य के निर्माता, समुद्र का देवता, विश्व के नियामक एवं शासक, सत्य का प्रतीक, ऋतु-परिवर्तन एवं दिन-रात का कर्ता। |
द्यौ | आकाश का देवता (सबसे प्राचीन) |
सोम | वनस्पति देवता। |
उषा | प्रगति एवं उत्थान-देवता। |
मरुत | आँधी-तूफान का देवता। |
पूषन | पशुओं का देवता। |
विष्णु | विश्व के संरक्षक एवं पालनकर्ता। |
प्रमुख दर्शन एवं उसके प्रवर्तक
दर्शन | प्रवर्तक |
चार्वाक | चार्वाक |
योग | पतञ्जलि |
सांख्य | कपिल |
न्याय | गौतम |
वैशेषिक | कणाद या उलूक |
पूर्वमीमांसा | जैमिनी |
उत्तरमीमांसा | बादरायण |
वैदिक कालीन शासन के पदाधिकारी
ग्रामिणी | ग्राम के मुखिया |
विशपति | विश् का प्रधान |
पुरोहित | राजा का मुख्य परामर्शदाता |
उग्र | पुलिस (अपराधियों को पकड़ने का कार्य) |
वाजपति | गोचर भूमि का अधिकारी |
पुरप | दुर्गपति |
स्पश | जनता के गतिविधियों को देखने वाला गुप्तचर |
दूत | सुचना प्रेषित करना |
कुलपति | परिवार का प्रधान |
राजन | जन का शासक |
रत्नी | सूत, रथकार तथा कम्मादी नामक अधिकारी |
- युद्ध में कबीले का नेतृत्व राजा करता था।
- युद्ध के लिए गविष्टि शब्द का प्रयोग किया गया है, जिसका अर्थ है – गायों की खोज।
- दसराज्ञ युद्ध का उल्लेख ऋग्वेद के 7वें मंडल में है।
- दसराज्ञ युद्ध परुषणी (रावी) नदी के तट पर सुदास एवं दस जनों के बीच लड़ा गया, जिसमें सुदास विजयी हुआ।
दिशा | उत्तरवैदिक शब्द | राजा का नाम |
पूर्व | प्राची | सम्राट् |
पश्चिम | प्रतीची | स्वराष्ट्र |
उत्तर | उदीची | विराट् |
मध्य | राजा | |
दक्षिण | भोज |
सामाजिक व्यवस्था
- ऋग्वैदिक समाज चार वर्णों में विभक्त था – ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र। यह विभाजन व्यवसाय पर आधारित था।
- ऋग्वेद के 10वें मंडल के पुरुषसूक्त में चतुर्वर्णों का उल्लेख मिलता है।
- इस 10वें मंडल में कहा गया है कि ब्राह्मण परम पुरुष के मुख से, क्षत्रिय उनकी भुजाओं से, वैश्य उनकी जाँघों से एवं शुद्र उनके पैरों से उत्पन्न हुए हैं।
- आर्यों का समाज पितृप्रधान था।
- समाज की सबसे छोटी इकाई परिवार या कुल थी, जिसका मुखिया पिता होता था, जिसे कुलप कहा जाता था।
- स्त्रियाँ इस काल में अपने पति के साथ यज्ञ-कार्य में भाग लेती थीं।
- बाल-विवाह एवं पर्दा-प्रथा का प्रचलन नहीं था।
- विधवा अपने मृतक पति के छोटे भाई (देवर) से विवाह कर सकती थी।
- स्त्रियाँ शिक्षा ग्रहण करती थीं।
- जीवन भर अविवाहित रहनेवाली महिलायों को अमाजू कहा जाता था।
- आर्य मुख्यतः तीन प्रकार के वस्त्रों का उपयोग करते थे – वास, अधिवास और उष्णीष।
- आर्यों का मुख्य पेय-पदार्थ सोमरस था। यह वनस्पति से बनाया जाता था।
- आर्यों के मनोरंजन के मुख्य साधन थे – संगीत, रथदौड़, घुड़दौड़ एवं द्यूतक्रीड़ा।
ऋग्वैदिक अर्थव्यवस्था
- आर्यों का मुख्य व्यवसाय पशुपालन एवं कृषि था।
- गाय को अध्न्या — न मारे जाने योग्य पशु की श्रेणी में रखा गया था।
- आर्यों का प्रिय पशु घोड़ा एवं सर्वाधिक प्रिय देवता इन्द्र थे।
- व्यापार हेतु दूर-दूर तक जानेवाला व्यक्ति को पणि कहते थे।
- लेन-देन में वस्तु-विनियम की प्रणाली प्रचलित थी।
- ऋण देकर ब्याज लेने वाला व्यक्ति को वेकनॉट (सूदखोर) कहा जाता था।
- आर्यों द्वारा खोजी गई घातु लोहा थी। जिसे श्याम अयस् कहा जाता था।
- ताँबें को लोहित अयस् कहा जाता था।
उत्तरवैदिक काल : Uttar Vedic Kal (Later Vedic Period)
- उत्तरवैदिक काल में इन्द्र के स्थान पर प्रजापति सर्वाधिक प्रिय देवता हो गए थे।
- उत्तरवैदिक काल में राजा के राज्याभिषेक के समय राजसूय यज्ञ का अनुष्ठान किया जाता था।
- उत्तरवैदिक काल में वर्ण व्यवसाय की बजाय जन्म के आधार पर निर्धारित होने लगे थे।
- उत्तरवैदिक काल में हल को सिरा और हल रेखा को सीता कहा जाता था।
- उत्तरवैदिक काल में निष्क और शतमान मुद्रा की इकाइयाँ थीं।
- सांख्य दर्शन भारत के सभी दर्शनों में सबसे प्राचीन है। इसके अनुसार मूल तत्व 25 है, जिनमे प्रकृति पहल तत्व है।
- ‘सत्यमेव जयते‘ मुण्डकोपनिषद् से लिया गया है। इसी उपनिषद् में यज्ञ की तुलना टूटी नाव से की गयी है।
- गायत्री मंत्र सवितृ नामक देवता को संबोधित है, जिसका संबंध ऋग्वेद से है।
- उत्तरवैदिक काल में कौशाम्बी नगर में प्रथम बार पक्की ईंटों का प्रयोग किया गया है।
- गोत्र नामक संस्था का जन्म उत्तरवैदिक काल में हुआ।
- महाकाव्य दो हैं – महाभारत एवं रामायण।
- महाभारत का पुराना नाम जयसंहिता है। यह विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य है।
वैदिक सभ्यता (Vedic Sabhyata) के महत्वपूर्ण Question Answer
- पूर्व-वैदिक या ऋग्वैदिक संस्कृति का काल किसे माना जाता है – 1500 ई० पू०-1000 ई० पू०
- उत्तर-वैदिक संस्कृति का काल किसे माना जाता है – 1000ई० पू०-600 ई० पू०
- ‘आर्य’ शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या है – श्रेष्ठ या कुलीन
- उत्तर-वैदिक काल के वेदविरोधी और ब्राह्मणविरोधी धार्मिक अध्यापकों को किस नाम से जाना जाता था – श्रमण
- वैदिक गणित का महत्त्वपूर्ण अंग है – शुल्व सूत्र
- किस वेद में प्राचीन वैदिक युग की संस्कृति के बारे में सूचना दी गई है – ऋग्वेद
- भारत के राजचिह्न में प्रयुक्त होनेवाले शब्द ‘सत्यमेव जयते’ किस उपनिषद् से लिया गया है – मुण्डक उपनिषद्
- ऋग्वैदिक आर्यों का मुख्य व्यवसाय क्या था – पशुपालन
- ऋग्वेद में संपत्ति का प्रमुख रूप क्या है – गोधन
- ऋग्वेद के किस मंडल में शुद्र का उल्लेख पहली बार मिलता है – 10वें
- वैदिक धर्म में किसकी उपासना करने का मुख्य लक्षण था – प्रकृति
- ‘शुल्व सूत्र’ किस विषय से संबंधित पुस्तक है – ज्यामिति
- ‘असतो मा सदगमय’ कहाँ से लिया गया है – ऋग्वेद
- आर्य बाहर से आकर भारत में सर्प्रथम कहाँ बसे थे – पंजाब
- वैशेषिक दर्शन के प्रतिपादक कौन थे – उलूक या कणाद
- वेदांत या उत्तर-मीमांसा दर्शन के प्रतिपादक कौन थे – बादरायण
- मीमांसा या पूर्व-मीमांसा दर्शन के प्रतिपादक कौन थे – जैमिनी
- किस काल में अछूत के अवधारणा स्पष्ट रूप से उदित हुई – धर्मशास्त्र के काल में
- प्रसिद्ध दस राजाओं का युद्ध – दासराज्ञ युद्ध – किस नदी के तट पर लड़ा गया – परुषणी (रावी)
- गायत्री मंत्र (देवी सवितृ को संबोधित) किस पुस्तक में मिलता है – ऋग्वेद
- न्यायदर्शन को प्रचारित किसने किया था – गौतम ने
- प्राचीन भारत में ‘निष्क’ से जाने जाते थे – स्वर्ण आभूषण को
- योग दर्शन के प्रतिपादक कौन थे – पतंजलि
- उपनिषद् पुस्तकें किस पर आधारित है – दर्शन पर
- आरंभिक वैदिक साहित्य में सर्वाधिक वर्णित नदी कौन-सी है – सिन्धु
- अध्यात्म ज्ञान के विषय में नचिकेता और यम का संवाद किस उपनिषद् में प्राप्त होता है – कंठोपनिषद्
- कपिल मुनि द्वारा प्रतिपादित दार्शनिक प्रणाली है – सांख्य दर्शन
- कर्म का सिद्धांत किस दर्शन से संबंधित है – मीमांसा से
- वैदिक युगीन ‘सभा’ – मंत्रिपरिषद थी
- वैदिक युग में प्रचलित लोकप्रिय शासन प्रणाली थी – गणतंत्र
- भारतीय दर्शन के आरंभिक विचारधारा है – सांख्य
- ऋग्वैदिक युग की प्राचीनतम संस्था कौन-सी थी – विदथ
- ‘गोत्र’ व्यवस्था प्रचलन में कब आई – उत्तर-वैदिक काल में
- वैदिक युग में ‘यव’ किसे कहा जाता था – जौ
- ‘व्रीहि’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है – चावल
- ‘आदि काव्य’ की संज्ञा किसे दी जाती है – रामायण
- ऋग्वेद में सबसे पवित्र नदी किसे माना गया है – सरस्वती
- वैदिक समाज की आधारभूत इकाई थी – कुल / कुटुम्ब
- उत्तर-वैदिक काल में किस देवता को सर्वोच्च स्थान प्राप्त था – प्रजापति
- संस्कारों की कुल संख्या कितनी है – 16
- पूर्व-वैदिक आर्यों का धर्म प्रमुखतः था – प्रकृति-पूजा और यज्ञ
- वैदिक नदी कुभा (काबुल) का स्थान कहाँ निर्धारित होना चाहिए – अफगानिस्तान में
- आर्यों की भाषा क्या थी – संस्कृत
- आर्यों का समाज कैसा था – पितृप्रधान
- आर्यों का मुख्य पेय-पदार्थ क्या था – सोमरस
- आर्यों का प्रिय पशु था – घोड़ा
- आर्यों का सर्वाधिक प्रिय देवता था – इन्द्र
- आर्यों द्वारा खोजी गयी धातु क्या थी – लोहा
- उत्तरवैदिक काल में राजा के राज्याभिषेक के समय कौन-सा यज्ञ का अनुष्ठान किया जाता था – राजसूय यज्ञ
- उत्तरवैदिक काल में वर्ण व्यवस्था किस पर निर्धारित थी – जन्म के आधार पर
- ऋग्वैदिक काल में वर्ण व्यवस्था किस पर आधारित थी – व्यवसाय पर
- उत्तरवैदिक काल में मुद्रा की इकाइयाँ क्या थी – निष्क और शतमान
- भारत के सभी दर्शनों में सबसे प्राचीन दर्शन कौन-सा है – सांख्य दर्शन
- सांख्य दर्शन में पहला तत्व कौन-सा है – प्रकृति
- महाभारत का पुराना नाम क्या है – जयसंहिता
- विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य क्या है – महाभारत
- विपाशा नदी का आधुनिक नाम क्या है – व्यास
- कुभा नदी का आधुनिक नाम क्या है – काबुल
- उपनिषदों की कुल संख्या कितनी है – 108
- वेदांग की संख्या कितनी है – 6
- महापुराणों की संख्या कितनी है – 18
- ऋग्वैदिक काल में आँधी-तूफान का देवता का नाम क्या है – मरुत
- ऋग्वैदिक काल में ऋतु-परिवर्तन एवं दिन-रात के देवता किसे माना जाता था – वरुण
वैदिक काल (Vedic Age) से जुड़े Question का Answer आपको देना है
नीचे दिए गए छह प्रश्नों का उत्तर आपको नीचे कमेंट बॉक्स में देना है –
- ‘असतो मा सदगमय’ कहाँ से लिया गया है ?
- सांख्य दर्शन के अनुसार मूल तत्व की संख्या कितनी है ?
- ऋग्वेद में ‘अघन्य’ (वध योग्य नहीं) शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया था ?
- ‘सत्यमेव जयते’ किस उपनिषद् से लिया गया है ?
- ऋग्वैदिक काल में पशुओं के देवता कौन थे ?
- ऋग्वैदिक काल में वनस्पति के देवता कौन थे ?
प्राचीन भारतीय इतिहास नोट्स :
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वैदिक सभ्यता (vedic sabhyata) के अंतर्गत पूर्व-वैदिक काल या ऋग्वैदिक काल (Early Vedic Period) तथा उत्तरवैदिक काल (Later Vedic Period) से अगर कोई भी प्रश्न हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें।
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Bahut hi achhi jankari di hai Apne. Thanks for sharing.
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